नई दिल्ली:रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे कनेक्टिविटी के लिए 10,440 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह आवंटन यूपीए शासन के दौरान 2009-14 से घोषित बजटीय आवंटन की तुलना में पांच गुना अधिक है.
वैष्णव ने कहा, "केंद्र सरकार ने 2014 से असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1,824 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण किया है, जो श्रीलंका के पूरे रेल नेटवर्क से भी अधिक है." रेल भवन में बजट के बाद ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान इंस्टॉल 67 की तुलना में 2014-25 तक 166 नई रेलवे पटरियां इंस्टॉल की गई हैं.
146 किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण
रेल मंत्री ने आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में पूर्वोत्तर में 146 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया है. वैष्णव ने कहा, "74,972 करोड़ रुपये की लागत से 18 परियोजनाएं और 1,368 किलोमीटर नई पटरियां अभी चल रही हैं."
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में 60 स्टेशनों को 2039 करोड़ रुपये की लागत से 'अमृत स्टेशन' के रूप में विकसित किया जाएगा. वैष्णव ने कहा कि उनका मंत्रालय रेलवे सुरक्षा को बहुत अधिक महत्व दे रहा है. उन्होंने कहा कि 1,189 किलोमीटर के मार्ग पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिए 237 टेंडर और कार्य प्रगति पर हैं.
फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण
वैष्णव ने कहा, "साल 2014 से अब तक 478 रेल फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा चुका है." पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कम से कम 44 लिफ्ट, 37 एस्केलेटर सेवाओं को मंजूरी दी गई है. स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 788 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है.
स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के लिए दीमापुर को 283 करोड़ रुपये, इंफाल को 202.5 करोड़ रुपये, सिक्किम के रंगपो को 187 करोड़ रुपये, मेंदीपाथर (मेघालय) को 39.5 करोड़ रुपये और सैरंग (मिजोरम) को 76 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
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