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मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, रिलायंस के खिलाफ सेबी की अपील खारिज

यह मामला नवंबर 2007 में पूर्ववर्ती रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) के शेयरों में कथित हेराफेरी वाले व्यापार से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली सेबी की याचिका खारिज कर दी.

MUKESH AMBANI
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन (फाइल फोटो) (ANI)

By Sumit Saxena

Published : Nov 11, 2024, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और देश के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी से जुड़े एक मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के आदेश के खिलाफ सेबी की याचिका खारिज कर दी है.

यह मामला नवंबर 2007 में पूर्ववर्ती रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (RPL) के शेयरों में कथित हेराफेरी वाले व्यापार से संबंधित है. जस्टिस जे बी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने कहा कि, वह सैट द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है. बेंच ने कहा कि, मुकदमा कई सालों से चल रहा है और यह काफी लंबा समय है. इसमें कानून का कोई सवाल नहीं है. हालांकि, SAT के आदेश के खिलाफ रिलायंस इंडस्ट्रीज की क्रॉस-अपील, जिसमें कंपनी पर लगाए गए जुर्माने सहित सेबी के फैसले को बरकरार रखा गया था, 2 दिसंबर को सुनवाई के लिए आएगी.

सोमवार को सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस अपील में कानून का कोई सवाल शामिल नहीं है, जिसके लिए उसके हस्तक्षेप की आवश्यकता हो. पीठ ने सेबी की याचिका को खारिज करते हुए कहा, "आप इस तरह से किसी व्यक्ति का सालों तक पीछा नहीं कर सकते."

बाजार नियामक ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) के 4 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जनवरी 2021 में, सेबी ने RPL मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) पर 25 करोड़ रुपये, अंबानी पर 15 करोड़ रुपये, नवी मुंबई SEZ प्राइवेट लिमिटेड पर 20 करोड़ रुपये और मुंबई SEZ लिमिटेड पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.

जनवरी 2021 में सेबी द्वारा पारित आदेश के खिलाफ सभी संस्थाओं द्वारा अपील किए जाने के बाद न्यायाधिकरण ने यह आदेश पारित किया. नवी मुंबई एसईजेड और मुंबई एसईजेड को आनंद जैन द्वारा प्रवर्तित किया जाता है, जो कभी रिलायंस समूह में काम करते थे. न्यायाधिकरण ने अंबानी, नवी मुंबई एसईजेड और मुंबई एसईजेड के खिलाफ 2021 में पारित सेबी के आदेश को रद्द कर दिया था. यह मामला नवंबर 2007 में नकद और वायदा खंडों में आरपीएल शेयरों की बिक्री और खरीद से संबंधित है.

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