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मौत के बाद भी संघर्ष! रीवा में भू स्वामी ने मृतिका का नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, परिजन का चक्काजाम

रीवा के बहुरीबांध में भू स्वामी ने महिला का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. जिसके बाद परिजन और ग्रामीणों ने शव रख चक्काजाम किया.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

land owner not allow last rites
रीवा में मृतिका का नहीं होने दिया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

रीवा: शहर के चोराहटा थाना क्षेत्र से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक वृद्ध महिला की अकास्मिक मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन भी नसीब नहीं हो सकी. आरोप है कि मृतिका के परिजन को भू स्वामी ने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया, जिसके बाद गुस्साए परिजन ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया. भू स्वामी का कहना था कि, ''जिस जमीन पर महिला का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, वह उनकी निजी भूमि है.'' जबकि मृतिका के परिजन का कहना था कि, ''वह हमेशा इसी भूमी पर ही अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करते आए हैं.'' परिजन का आरोप है कि, ''अर्जी देने के बाद भी आज तक मुक्ति धाम का निर्माण नहीं हुआ.''

वृद्धा का अंतिम संस्कार होने से रोका, परिजन ने लगाया जाम
दरअसल, मामला चोराहटा थाना क्षेत्र के बहुरीबांध का है. यहां पर रहने वाले रामफल साकेत की वृद्ध मां रतिया साकेत का रविवार रात आकस्मिक निधन हो गया. सोमवार की सुबह परिजन मृतिका का अंतिम संस्कार करने पास के एक खाली पड़ी भूमी पर पहुंचे थे लेकिन वहां पर उपस्थित भू स्वामी ने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. उनका कहना था कि, ''वह उनकी निजी जमीन है.'' जबकि मृतिका का अंतिम संस्कार करने गए लोगों का कहना था कि, ''इसके पूर्व में जब भी उनके परिवार से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती थी तब वह इसी भूमी पर उनका अंतिम संस्कार करते थे.''

अंतिम संस्कार से मना करने पर ग्रामीणों ने किया जाम (ETV Bharat)

मौके पर पहुंची पुलिस, समझाइस देने का किया प्रयास
अंतिम संस्कार करने से रोकने के बाद परिजन अक्रोशित हो गए और शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया. सूचना मिलते ही मौके पर चोरहटा थाना प्रभारी आशीष मिश्रा पुलिस टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और अक्रोशित मृतिका के परिजन को समझाइस दी. काफी देर तक समझाइस देने के बाद जब परिजन नहीं माने तो पुलिस की टीम ने राजस्व अमले को सूचना दी. प्रशानिक टीम अब मृतिक के अंतिम संस्कार के लिए अन्य विकल्प तलाश रही है.

मृतिका की बेटे ने लगाया सरपंच पर आरोप
मृतिका के बेटे रामफल साकेत ने आरोप लगाते हुए कहा कि, ''आज वह अपनी मां के देहांत के बाद उसका अंतिम संस्कार करने आए थे लेकिन स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. जबकि इससे पहले वह अपनी बुआ और पोती का अंतिम संस्कार इसी स्थान पर कर चुके हैं. मगर आज भू स्वामी के द्वारा मां का अंतिम संस्कार करने से रोका गया.'' पीड़ित ने गांव के पूर्व सरपंच वीरेंद्र शर्मा और वर्तमान सरपंच गयादीन आदिवासी पर भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि, ''दोनों सरपंचों ने आजतक गांव में मुक्ति धाम नहीं बनवाया. हम लोगों के द्वारा कई बार अर्जी दी गई लेकिन मुक्ति धाम का निर्माण नहीं करवाया गया.''

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अंतिम संस्कार के लिए तालशा जा रहा दूसरा विकल्प
मामले पर एडिशनल एसपी अनिल सोनकर का कहना है कि, ''बहुरीबांध में एक व्यक्ति की पट्टे की जमीन है, जहां पर गांव के लोग अंतिम संस्कार किया करते थे. गांव के रहने वाले परिवार में एक महिला की मृत्यु हो गई थी, परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार के लिए गए थे, लेकिन भू स्वामी ने उन्हें अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. पंचायत में ऐसी कोई भी शासकीय भूमि नहीं है जिसे मुक्ति धाम के रूप में उपयोग किया जा सके. इसी बात से नाराज होकर परिजन ने चक्काजाम किया था. मौके पर चौराहटा थाना पुलिस और तहसीलदार पहुंचे और स्थाई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि मृतिका का अंतिम संस्कार किया जा सके. हालाकि कई घंटों तक चली पुलिस की समझाइस के बाद दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बन गई और उसी स्थान पर मृतिका अंतिम संस्कार किया गया.

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