श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट डेवलपर्स और बिल्डर्स अब खरीदारों को धोखा देकर नहीं बच पाएंगे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (JKRERA) ने नई निर्माण परियोजनाओं का निरीक्षण करके अपना काम शुरू कर दिया है और बिल्डरों और रियल एस्टेट प्रमोटरों को प्राधिकरण में पंजीकरण करने के लिए कहा है.
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत गठित जम्मू-कश्मीर रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण 16 दिसंबर, 2024 से प्रभावी हो गया, जब प्राधिकरण के पहले अध्यक्ष की नियुक्त की गई थी. यह अधिनियम 16 दिसंबर 2018 से जम्मू और कश्मीर में लागू हुआ.
पूर्व आईएएस अधिकारी सतीश चंद्रा जम्मू-कश्मीर रेरा के अध्यक्ष हैं और भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व महानिदेशक वीरेंद्र सिंह पठानिया सदस्य हैं. रेरा के अन्य अधिकारी राजस्व, आवास और शहरी विकास विभागों और नगर निगमों से लिए गए हैं. प्राधिकरण रियल एस्टेट गतिविधियों के विनियमन और विकास की देखरेख करेगा और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा.
इससे पहले, आवासीय कॉलोनियों और अन्य वाणिज्यिक मॉलों का निर्माण नगर निगमों, राजस्व और अन्य संबंधित सरकारी अधिकारियों की निगरानी और अनुमति के तहत किया जाता था. लेकिन बाद में भूमि के स्वामित्व और अनुमति से संबंधित धोखाधड़ी के मामले सामने आने पर मालिकों और खरीददारों के बीच विवाद उत्पन्न हो जाते थे.
जून 2022 और नवंबर 2023 के बीच जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे चंद्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि प्राधिकरण का उद्देश्य घर खरीदारों को बिल्डरों, रियल एस्टेट एजेंटों और प्रमोटरों की धोखाधड़ी से बचाना है. उन्होंने कहा कि अधिनियम और प्राधिकरण से पहले वाणिज्यिक संपत्ति या परियोजनाएं बिना किसी विनियमन और पारदर्शिता के रियल एस्टेट दलालों द्वारा बेची जाती थीं, जहां खरीदार धोखा खाते थे.
उन्होंने कहा, "रेरा का मुख्य उद्देश्य घर या संपत्ति खरीदने वालों की सुरक्षा करना है, ताकि बिल्डर उन्हें धोखा न दे सकें. चूंकि बिल्डर या मालिक को अनिवार्य रूप से रेरा के साथ पंजीकरण कराना होगा, जहां उन्हें परियोजना या संपत्ति के बारे में सभी विवरण प्रदान करने होंगे, जिसे खरीदार प्राधिकरण से सत्यापित कर सकते हैं."
रेरा ने किया 30 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण
रेरा ने अपने पहले प्रयास में जम्मू-कश्मीर में 30 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया. श्रीनगर शहर में, निरीक्षण के बाद प्राधिकरण ने 20 प्रोजेक्ट्स के मालिकों को नोटिस जारी किए, क्योंकि वे बिना पंजीकरण के पाए गए हैं. प्राधिकरण ने मालिकों से 15 दिनों के भीतर अपने प्रोजेक्ट्स को रेरा में पंजीकृत करने को कहा है.
रेरा के अध्यक्ष सतीश चंद्रा ने कहा, "500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली प्रत्येक परियोजना या आठ से अधिक अपार्टमेंट वाली बिल्डिंग को प्राधिकरण में पंजीकृत कराना होगा."