नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी. इसके बाद पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. हालांकि अरविंद केजरीवाल जमानत के दौरान अपने दफ्तर नहीं जा सकेंगे और न ही सरकारी फाइलों पर दस्तखत कर सकेंगे. इसके बाद कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में पार्टी की तैयारियों और गतिविधियों को नई रफ्तार दे सकती है. अरविंद केजरीवाल की जमानत पर नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.
दिल्ली सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने लिखा, "आप परिवार को बधाई! मजबूत बने रहने के लिए बधाई हमारे अन्य नेताओं की जल्द रिहाई की भी कामना करती हूं."
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने X पर लिखा, "झूठ और साज़िशों के ख़िलाफ लड़ाई में आज पुनः सत्य की जीत हुई है. एक बार पुनः नमन करता हूं बाबा साहेब अंबेडकर जी की सोच और दूरदर्शिता को, जिन्होंने 75 साल पहले ही आम आदमी को किसी भावी तानाशाह के मुक़ाबले मजबूत कर दिया था.
वहीं सांसद संजय सिंह ने कहा, "सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश के तानाशाह को झुका दिया है. उत्पाद शुल्क मामले में किसी को कुछ नहीं मिला. झूठ का पहाड़ खड़ा कर बीजेपी और मोदी सरकार ने ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर आप और केजरीवाल को खत्म करने की कोशिश की. लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है. आज, वह (जेल से) बाहर आ रहे हैं, और अब हम हरियाणा और दिल्ली (विधानसभा) चुनावों के लिए मजबूती से एकजुट होंगे,''
इसके अलावा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने लिखा, "सत्यमेव जयते.. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं"
वहीं दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "आज के अखबारों में कहा गया है कि लगभग 40 लोगों को आरोपी बनाया गया था और आज केवल 2 लोग जेल में बचे थे, इसलिए जमानत निश्चित थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की जांच एजेंसियों के बारे में जो कहा वह केंद्र के लिए एक बड़ा झटका है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से, मुझे लगता है कि अगर केंद्र को कोई शर्म है, तो केंद्रीय गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए."
वहीं सांसद राघव चड्ढा ने खुशी जताते हुए लिखा, "Welcome back Arvind Kejriwal, we missed you! सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं! अंततः माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल को जेल की बेड़ियों से आजाद करने का फैसला सुना दिया है. माननीय Supreme Court का शुक्रिया!