नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. खबर के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष के निर्देश के बाद दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात इकाइयों के वरिष्ठ नेता संगठनात्मक सुधार और लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर जवाबदेही तय करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए विचार -मंथन सत्र में शामिल किए गए हैं.
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली और मध्य प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा. जहां दिल्ली की 7 और मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. जबकि पार्टी को छत्तीसगढ़ और गुजरात में एक-एक सीटें ही मिलीं. इनमें से, कांग्रेस और आप ने दिल्ली और गुजरात में भाजपा से मुकाबला करने के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन किया था, लेकिन सबसे पुरानी पार्टी का महत्वपूर्ण हिंदी भाषी राज्यों एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी से सीधा मुकाबला था.
कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत!
दिल्ली में कांग्रेस ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि AAP ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा. गुजरात में कांग्रेस ने 24 सीटों पर जबकि AAP ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में बदलाव शुरू हो गए हैं, हालांकि संगठनात्मक समीक्षा जारी रहेगी. इस विषय पर दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने ईटीवी भारत को बताया कि, कांग्रेस ने 10 जिलों में वरिष्ठ नेताओं को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है जो शीर्ष नेतृत्व और स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच की कड़ी होंगे. पार्टी ने सभी जिलों में समीक्षा बैठकें भी की हैं. इसके अलावा, संगठनात्मक मुद्दों की निरंतर समीक्षा की सुविधा के लिए जिलों में मासिक बैठकें भी शुरू की गई हैं.
कांग्रेस पार्टी में कमियों पर मंथन
उन्होंने कहा कि, 'राज्य नेतृत्व ने आप सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए लोगों के मुद्दों को उठाने सहित पार्टी कार्यक्रम शुरू किए हैं, चाहे वह बारिश के मौसम में सड़कों और आवासीय क्षेत्रों में बाढ़ हो या अनियमित पानी और बिजली आपूर्ति हो. हम सभी क्षेत्रों में पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय कर रहे हैं और उनसे अपने घरों पर पार्टी के झंडे लगाने के लिए कह रहे हैं.'