रांची:सोना सोबरन धोती, साड़ी, लुंगी योजना हेमंत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को सिर्फ 10 रुपये में साल में दो बार धोती, साड़ी और लुंगी दी जाती है.
हेमंत सरकार का महत्वाकांक्षी योजना में से एक यह योजना विवादों में रहा है. धोती, साड़ी और लुंगी की क्वालिटी पर सवाल उठते रहे हैं. नई सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद समीक्षा बैठक में भी मंत्री इरफान अंसारी ने कपड़े की घटिया क्वालिटी को लेकर आ रही शिकायत पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई थी. इन सबके बीच चुनाव पूर्व वितरित होने के बाद लाभुकों के बीच अब तक रियायती दर पर मिलने वाले धोती, साड़ी और लुंगी नहीं पहुंची है.
विभागीय आंकड़ों पर नजर दौराएं तो 24 दिसंबर तक राज्य में 774338 धोती, 1239413 साड़ी और 463540 लुंगी वितरित की गई है. जबकि इस योजना के तहत राज्य में 6629421 वैध लाभुक हैं. जिसमें 1241071 को मिला है. इस तरह से अभी भी 5388350 लाभुक इस योजना का लाभ लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
कडरू की जाफरीन कहती हैं कि एक तो कपड़े की क्वालिटी अच्छी नहीं रहती उसपर से समय पर नहीं मिलती है. कुछ इसी तरह की नाराजगी अब्दुल हकीम भी करते नजर आ रहे हैं. लाभुकों की नाराजगी पर हालांकि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी कहते हैं कि पिछले कार्यकाल में क्या हुआ उसे भूलकर नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि धोती, साड़ी और लुंगी की क्वालिटी भी बेहतर होगी और समय पर भी मिलेगी.
2014 में पहली बार हेमंत सरकार ने शुरू की थी योजना