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पंजाब के हरभजन सिंह ने 35 साल के इंतजार के बाद चढ़ाया दर्शनी गिलाफ, अगले 108 सालों के हो चुकी है बुकिंग - Dehradun Jhanda Ji Mela

Dehradun Jhanda Ji Mela देहरादून में होने वाले ऐतिहासिक श्री झंडा जी का आरोहण हो गया. अपनी विशेष मान्यता रखने वाले इस झंडा जी के आरोहण में विशेष दर्शनी गिलाफ और शलीन गिलाफ की क्या कुछ है विशेषता? आइए आपको बताते हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 30, 2024, 9:06 PM IST

Updated : Mar 30, 2024, 9:19 PM IST

पंजाब के हरभजन सिंह ने 35 साल के इंतजार के बाद चढ़ाया दर्शनी गिलाफ.

देहरादून (उत्तराखंड): शनिवार को देहरादून श्री गुरु राम राय श्री झंडा साहिब का आरोहण किया गया. आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में शनिवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. लाखों संगतें और दूनवासी श्री झंडे जी के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाए और हाथ जोड़े खड़े रहे. हर कोई श्री झंडा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और श्री गुरु राम राय महाराज के दर्शन को श्रद्धापूर्वक भावविभोर रहा. श्री दरबार साहिब परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पैर रखने भर की भी जगह नहीं थी.

दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही और श्री झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू होते ही श्रीन गुरु राम राय महाराज के जयकारों की ध्वनि तेज हो उठी. शनिवार शाम 4:10 मिनट पर जैसे ही श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादे गद्दी नशीन महंत देवेंद्र दास महाराज ने आरोहण की प्रक्रिया शुरू करने का संदेश दिया. वैसे ही पूरी द्रोणनगरी श्री गुरु राम राय महाराज के जयकारों से गूंज उठी. 4 बजकर 25 मिनट पर श्री झंडे जी का आरोहण पूरा हुआ. संगतों और दून वासियों ने श्री गुरु राम राय महाराज के जयकारे लगाए और ढोल की थाप पर जमकर डांस किया. इसी के साथ देहरादून के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत श्री झंडे जी मेले का विधिवत शुभारंभ हुआ.

श्री झंडे जी पर चढ़ाए जाते हैं तीन गिलाफ:श्री झंडे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण होता है. अंदर की तरफ सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इनकी संख्या 41 होती है. मध्यभाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इनकी संख्या 21 होती है. बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है. इनकी संख्या 1 होती है. अलग-अलग तरह के गिलाफ की अपनी-अपनी विशेष मान्यता होती है.

दर्शनी गिलाफ के लिए 35 साल बाद आया नंबर:शनिवार को हुए झंडा जी के आरोहण में दर्शनीय गिलाफ चढ़ाने का मौका पंजाब के हरभजन सिंह के परिवार को 35 साल के इंतजार के बाद मिला. पंजाब के जिला होशियारपुर के रहने वाले हरभजन सिंह के परिवार को शनिवार के दिन दर्शनी गिलाफ झंडा जी पर चढ़ने का मौका मिला.

2132 तक की बुकिंग:झंडा जी साहब के प्रमुख महंत देवेंद्र दास ने बताया कि पंजाब के हरभजन सिंह 35 साल पहले झंडा जी मेले में शामिल होने आए थे. उन्होंने उस वक्त दर्शनी गिलाफ के लिए बुकिंग कराई थी. वहीं दर्शनी गिलाफ के लिए आखिरी बुकिंग पिछले साल 17 नवंबर को हुई थी, जिन्हें अब तकरीबन 108 साल बाद 2132 में दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का मौका मिलेगा. वहीं, इसके अलावा झंडा जी पर चढ़ने वाले शलीन गिलाफ के लिए पांच लोगों द्वारा बुकिंग कराई गई है, जिनका नंबर साल 2059 में 25 साल बाद आएगा.

ऐसे चढ़ाए गए झंडे जी पर विशेष गिलाफ:90 फीट ऊंचे श्री झंडे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई. खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान श्री झंडे जी को एक पल के लिए भी जमीन पर नहीं रखा जाता. संगतें अपने हाथों पर श्री झंडे जी को थामे रहती हैं. दोपहर करीब 1:30 बजे श्री झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई. यह दृश्य देखते हुए संगतों और दूनवासियों के आंखों से आंसू छलक आए. हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा. शनिवार शाम 4:10 बजे नए मखमली वस्त्र के साथ श्री झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई.

बाज ने की झंडे जी की परिक्रमा:श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेंद्र दास महाराज के दिशा-निर्देश पर श्री झंडे जी के नीचे लगी लकड़ी की कैंचियों को थामे श्रद्धालुजन श्री झंडे जी को उठा रहे थे. शनिवार शाम 4 बजकर 25 मिनट पर श्री झंडे जी का आरोहण हुआ. पूरा श्री दरबार साहिब परिसर और निकटवर्ती क्षेत्र श्री गुरु राम राय महाराज के जयकारों से गूंज उठा. इसी दौरान एक बाज ने श्री झंडे जी की भी परिक्रमा की. श्री झंडे जी के आरोहण के समय बाज की इस चमत्कारी उपस्थिति को श्री गुरु राम राय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति के रूप में हर साल दर्ज किया जाता है.

महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने जताया आभार:श्री झंडे जी के आरोहण के बाद श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी देश और प्रदेश वासियों समेत संगतों को श्री झंडा महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी. महाराज ने कहा कि श्री झंडा महोत्सव मेला प्रेम, सद्भावना, आपसी भाईचारा, सौहार्द, उल्लास और अमन-चैन का संदेश देने वाला मेला है. उन्होंने कहा कि श्री झंडे जी पर शीश नवाने से सभी की मन्नतें पूरी होती हैं. यही वजह है कि देश विदेश की संगतों समेत दूनवासियों की श्री झंडे जी की प्रति आस्था बढ़ती जा रही है.

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Last Updated : Mar 30, 2024, 9:19 PM IST

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