पटना : 15 दिनों से अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने आज मरीन ड्राइव स्थित सत्याग्रह स्थल पर अपना अनशन तोड़ दिया. वह बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में अनशन पर बैठे थे. आज उनका अनशन तोड़ने के बाद उन्होंने छात्रों के हक में अपनी संघर्ष की दिशा की घोषणा की.
प्रशांत किशोर ने तोड़ा अनशन :प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 14 दिनों से उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि जब छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया, तो वे गर्दनीबाग गए थे और वहाँ से अपनी आवाज़ उठाई थी. फिर भी सरकार ने छात्रों की मांगों को अनसुना कर उन पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाई गई, लेकिन छात्रों को फिर से पीटा गया, जिससे उन्हें अनशन पर बैठने का निर्णय लिया.
पूजा-पाठ कर विधिवत तोड़ा अनशन (ETV Bharat) ''बिहार में शांतिपूर्ण तरीके से यहां पर बैठ कर सत्याग्रह यहां से होगा. इस आश्रम के लिए बिहार सरकार से अनुमति ली गई है. इसके लिए 1 युवाओं को यहाँ पर लाकर सत्याग्रह के लिये प्रशिक्षत करेंगे. इसी उद्देश्य से अगले 8 सप्ताह तक यहां रहकर युवाओं को जगाने का काम करेंगे. बिहार के हर किसान पंजाब हरियाणा के किसानों की तर्ज पर काम करें, यही मैं चाहता हूं.''- प्रशांत किशोर, जनसुराज के संयोजक
'2 दिन में लाठीचार्ज कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ याचिका' : प्रशांत किशोर को उम्मीद है कि कोर्ट में बच्चों के हक में फैसला होगा. हाईकोर्ट में नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में होगी. बच्चों के हक़ की लड़ाई आगे बढ़े इस लिए यह सत्यग्रह कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि बच्चों के ऊपर लाठी चलाने वाले अधिकारियों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे. प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि अगले 2 दिन में उनके ऊपर रिट याचिका दायर की जाएगी.
प्रशांत किशोर ने तोड़ा अनशन (ETV Bharat) 8 हफ्ते तक प्रशिक्षण देंगे पीके: प्रशांत किशोर ने कहा कि आज के दिन तोड़ने का फैसला किया संयोग है कि आज ही पटना हाईकोर्ट में भी इस पर फैसला आ रहा है. जब तक गंगा का पानी इस आश्रम तक नहीं आ जाता तब तक यह आश्रम यहां रहेंगे. कम से कम होली तक 8 सप्ताह तक मैं खुद यहां रहूंगा.
अनशन तोड़ने से पहले गंगा में लगाई डुबकी (ETV Bharat) बिहार सत्याग्रह आश्रम से आगे की लड़ाई :प्रशांत किशोर ने अपने अनशन को समाप्त करते हुए यह घोषणा की कि अब वे और उनके साथी जन सुराज के तहत बिहार सत्याग्रह आश्रम में रहकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे. इस अवसर पर, उन्होंने पवित्र गंगा में डुबकी भी लगाई, जो उनके अनशन के समाप्त होने का प्रतीक था. प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि बिहार के विकास के लिए एक बड़े आंदोलन का हिस्सा बनेगा.
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