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सीएए की अधिसूचना लागू होने पर विपक्ष भड़का, बताया चुनावी एजेंडा

CAA in India : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना जारी होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनाव से पहले भाजपा का बड़ा एजेंडा बताया है.वहीं एनडीए नेताओं ने फैसले की तारीफ की है.

CAA in India
नागरिकता संशोधन कानून

By PTI

Published : Mar 11, 2024, 7:35 PM IST

Updated : Mar 11, 2024, 9:35 PM IST

नई दिल्ली :केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू कर दिया है. इसे लेकर सरकार की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. सीएए लागू होने के बाद पड़ोसी मुल्क से आए शरणार्थियों को अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी. हालांकि विपक्षी दलों ने इसे लेकर आलोचना की है, वहीं सत्ता पक्ष ने इसकी तारीफ की है.

ममता ने की आलोचना :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र के कदम की कड़ी आलोचना की. ममता ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के खिलाफ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज़ का विरोध करेगी. ममता ने संवाददाताओं से कहा कि 'यह सीएए 2019 में पारित किया गया था. केंद्र को इतने समय तक नियम बनाने से किसने रोका और चुनाव से ठीक पहले अचानक क्यों जाग गया? क्या सीएए भाजपा सरकार के हाथ की मिठाई है? अगर इससे खतरा होगा तो हम किसी भी नियम का पुरजोर विरोध करेंगे.'

मुख्यमंत्री ने लोगों से चिंता न करने का आग्रह करते हुए कहा, 'उन्होंने (केंद्र ने) नियमों को अधिसूचित करने के लिए आज का दिन चुना है. किसी को यह समझना चाहिए कि यह आधी रात को की जाने वाली आजादी नहीं है. यह किसी चीज के लिए नियमों को अधिसूचित करने के लिए अंधेरे का रास्ता अपनाना है. जो लोगों के साथ भेदभाव करता है. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे और तृणमूल कांग्रेस इसके खिलाफ आवाज उठाएगी.'

ओवैसी बोले- पांच साल तक क्यों लंबित रहा :एमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की कि सीएए पांच साल तक क्यों लंबित रहा और अब इसे लागू किया जा रहा है. CAA पर केंद्र के गजट की पृष्ठभूमि में उन्होंने 'एक्स' के मंच पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव का मौसम आने पर सीएए के नियम आएंगे...उन्होंने कहा कि उन्हें सीएए से आपत्ति है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि विभाजनकारी सीएए गोडसे के मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में व्यवहार करने के विचार पर आधारित था. उनका मानना ​​है कि हिंसा से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को शरण दी जानी चाहिए लेकिन धर्म या राष्ट्रीयता के आधार पर नहीं.

उन्होंने कहा कि सीएए को एनपीआर-एनआरसी के साथ केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए लाया गया था...सीएए किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोगी नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास दोबारा विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

'चुनावी बॉण्ड के मुद्दे से ध्यान भटकाने और चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश':कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 'दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल पेशेवर और समयबद्ध तरीके से काम करती है. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है.' उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए के नियमों को अधिसूचित करने के लिए नौ बार समय-सीमा बढ़ाने की मांग के बाद, इसकी घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है.

रमेश ने दावा किया,'‘ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में. यह चुनावी बॉण्ड घोटाले पर उच्चतम न्यायालय की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद, 'हेडलाइन को मैनेज करने' का प्रयास भी प्रतीत होता है.'

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'इतना विलंब क्यों किया? और अगर विलंब किया तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी?... संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार है... मेरे मत में ये (CAA) भारतीय संविधान के खिलाफ है.'

सीएम स्टालिन ने ये कहा :तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि सीएए के जरिए अपने डूबते जहाज को 'उबारने' की कोशिश की है. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा है, 'केंद्रीय भाजपा सरकार के विभाजनकारी एजेंडे ने नागरिकता अधिनियम को हथियार बना दिया है, इसे सीएए के अधिनियमन के माध्यम से मानवता के प्रतीक से धर्म और नस्ल के आधार पर भेदभाव के उपकरण में बदल दिया है. मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा देकर, उन्होंने विभाजन का बीज बोया है.'

भाजपा बोली- जो कहा सो किया, मोदी सरकार ने पूरी की अपनी गारंटी :केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा है कि इसे लागू कर मोदी सरकार ने अपनी गारंटी पूरी कर दी है और जो कहा सो किया.

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि 'मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया. ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे. इस अधिसूचना के साथ पीएम नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ एक पोस्टर शेयर करते हुए भाजपा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'जो कहा सो किया. मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी.'

भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की पूरी यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए इस पोस्ट में बताया, 'भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 संसद में पेश किया गया. 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ. राष्ट्रपति द्वारा 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी मिलते ही सीएए कानून बना और 11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने सीएए की अधिसूचना जारी की.'

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Last Updated : Mar 11, 2024, 9:35 PM IST

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