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हरिद्वार में कुमार विश्वास ने शुरू की राम कथा 'अपने-अपने राम', युवाओं को वामपंथ से रामपथ पर लाने का बताया मिशन - Kumar Vishwas Ram Katha in Haridwar

Kumar Vishwas Ram Katha in Haridwar, Tulsidas Rama Charit Manas, Valmiki Ramayana धर्मनगरी हरिद्वार में कुमार विश्वास ने 'अपने-अपने राम' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. तीन दिवसीय राम कथा के पहले दिन कुमार विश्वास ने कहा कि वामपंथ के मार्ग पर जा रही युवा पीढ़ी को राम पथ पर लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि धर्मशास्त्र कहता है कि पितृ परंपरा को संजोकर रखना ही वास्तविक धर्मार्थ है.

Kumar Vishwas Ram Katha
कुमार विश्वास

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 26, 2024, 9:35 AM IST

Updated : Apr 26, 2024, 11:34 AM IST

हरिद्वार में राम कथा

हरिद्वार:प्रसिद्ध कवि और कथावाचक डॉ कुमार विश्वास ने धर्मनगरी हरिद्वार में राम कथा शुरू की है. हर की पैड़ी के मालवीय घाट पर कुमार विश्वास के 'अपने-अपने राम' कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार रात हुआ. शाम की गंगा आरती के बाद रात 8 बजे से श्री गंगा सभा की ओर से ये आयोजन किया जा रहा है.

हरिद्वार पहुंचे डॉक्टर कुमार विश्वास ने कहा कि वे देश-विदेश में कई मंचों पर अपने-अपने राम कार्यक्रम के तहत राम कथा सुना चुके हैं. हरिद्वार में हर की पैड़ी पर राम कथा सुनाने के लिए वे रोमांचित हैं. कुमार विश्वास ने कहा कि वे वामपंथ के मार्ग पर जा रही युवा पीढ़ी को राम पथ पर लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

कवि कुमार विश्वास ने हर की पैड़ी स्थित मालवीय द्वीप पर आयोजित राम कथा में कहा कि कथा केवल आध्यात्म के लिए नहीं बल्कि, तमाम पीढ़ियों में राम को जानने के लिए है. मानस की पंक्ति 'मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी' और बाबा तुलसी की रचना रामचरित मानस के दोहा, सोरठा, छंद की सुमधुर ध्वनि के साथ कथा का आरंभ हुआ तो उस समय हर की पैड़ी के दो धाराओं के बीच से जय-जयकार उठने लगी.

सियावर रामचंद्र की जय की ध्वनि और गूंजते स्वर के साथ पहले दिन की कथा का आरंभ हुआ. कवि कुमार विश्वास ने गंगा घाट पर कथा व्यास बनकर गंगा सभा का आभार जताया. कुमार विश्वास ने न केवल श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि उन्होंने आध्यात्म और उसके सन्मार्ग पर भी विस्तार से चर्चा की.
वहीं उन्होंने महामना पं मदन मोहन मालवीय के सकृत्य, सन्मार्ग और उनके विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया. पहले दिन की कथा में कवि कुमार विश्वास ने अपने-अपने राम की उत्प्रेरक भावना और उद्देश्य से संगीतमयी कथा में भगवान श्रीराम के आदर्श और कथा में गंगा के महात्म्य का बखान किया.
उन्होंने कहा कि धर्मशास्त्र कहता है कि पितृ परंपरा को संजोकर रखना ही वास्तविक धर्मार्थ है.
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Last Updated : Apr 26, 2024, 11:34 AM IST

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