नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 के सात चरणों में से अब तक चार चरण की वोटिंग हो चुकी है, जबकि पांचवें चरण के लिए 20 मई को वोटिंग होगी. सातवें चरण में प्रधानमंत्री वाराणसी से ताल ठोकेंगे. उन्होंने मंगलवार 14 मई को यहां से नामांकन कर दिया.
2014 और 2019 में भी नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही चुनाव जीते थे. मोदी वाराणसी सीट से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले देश के इकलौते पीएम हैं. उनसे पहले देश का कोई भी नेता यहां से चुनाव जीतकर इस पद पर नहीं पहुंचा.
फूलपुर से जीते जवाहरलाल नेहरू
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार पीएम का पदभार संभाला. वह 1952, 1957 और 1962 में लगातार तीन बार सांसद चुने गए. तीनों बार वह यूपी की फूलपुर सीट से सांसद बने.
लाल बहादुर शास्त्री इलाहबाद सीट से लड़े चुनाव
लाल बहादुर शास्त्री 1964 से 1966 तक देश के पीएम रहे. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के बाद पीएम का पद संभाला था. जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने इलाहाबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए पीएम का पदभार संभाला था.
इंदिरा गांधी
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं. इसके बाद वह 1980 में फिर से प्रधानमंत्री चुनी गईं. 1964 से फरवरी 1967 तक इंदिरा गांधी राज्य सभा की सदस्य रहीं. वह चौथे, पांचवें और छठे सत्र में लोकसभा की सदस्य थीं. जनवरी 1980 में वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली और आंध्र प्रदेश की मेडक सीट से लोकसभा चुनाव जीतीं.
मोरारजी देसाई ने किया था सूरत सीट का प्रतिनिधित्व
इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार किए गए मारोराजी देसाई ने मार्च 1977 में हुए आम चुनाव में जनता पार्टी की जबरदस्त जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह गुजरात के सूरत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे. बाद में उन्हें सर्वसम्मति से संसद में जनता पार्टी के नेता के रूप में चुना गया और 24 मार्च 1977 को उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
बागपत सीट से चौधरी चरण सिंह
मोरार जी की सरकार गिरने के बाद चौधरी चरण सिंह 1979 में भारत के प्रधानमंत्री बने थे. वह महज 170 दिन ही इस पद पर रहे. उन्होंने जिस वक्त पीएम का पदभार संभाला, उस समय वह उत्तर प्रदेश की बागपत सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
राजीव गांधी ने किया अमेठी प्रतिनिधित्व
1984 का लोकसभा चुनाव ऐसा था जिसमें गांधी परिवार का आपसी टकराव देश में सामने आया था. 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी अमेठी से चुनाव लड़े और न सिर्फ सांसद पहुंचे, बल्कि देश के प्रधानमंत्री भी बने.
1989 में वीपी सिंह बने पीएम
1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री बने. वीपी सिंह कभी राजीव गांधी की सरकार में सबसे कद्दावर नेता हुआ करते थे. वह राजीव कैबिनेट में रक्षा और वित्त जैसे बड़े-बड़े मंत्रालय संभाल रहे थे. वीपी सिंह 1989 में इलाहाबाद सीट का प्रतिनिधित्व कर पीएम बने थे.
महाराजगंज से जीते थे चंद्रशेखर
1990 में चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने. पीएम बनने से पहले उन्होंने कभी भी किसी मंत्रालय में मंत्री का पद नहीं संभाला था. 1984 से 1989 तक की अवधि को छोड़ दिया जाए, तो वह 1962 से लगातार सांसद बने रहे. 1989 में बलिया और बिहार के महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, उन्हें दोनों सीटों से जीत मिली थी. बाद में उन्होंने महाराजगंज की सीट छोड़ दी. 1990 में जब वह पीएम बने थे, तब वह बलिया का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
दक्षिण भारत से आने वाले पहले पीएम बने पीवी नरसिम्हा राव
पीवी नरसिम्हा राव ने1991 से 1996 तक भारत के 9वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. वह दक्षिण भारत से आने वाले देश के पहले पीएम थे. प्रधानमंत्री बनने से पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. वह 1991 में आंध्र प्रदेश के नांदयाल सीट से चुनाव जीते थे.
1999 में अटल बिहारी बने पीएम
अटल बिहारी वाजयेपयी 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने 1996 में लखनऊ सीट के साथ-साथ गांधीनगर से चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगहों से जीत हासिल की. इसके बाद से वाजपेयी ने लखनऊ को अपनी कर्मभूमि बना ली. 1998, 1999 और 2004 में भी वह लखनऊ से ही चुनाव जीतते रहे.
एच डी देवेगौड़ा
एच डी देवेगौड़ा देश के 11 वें प्रधानमंत्री बने. 30 मई 1996 को देवेगौड़ा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर भारत के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वह कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
1997 में इंद्र कुमार गुजराल बने प्रधानमंत्री
1997 में इंद्र कुमार गुजराल भारत के प्रधानमंत्री बने. भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजराल विदेश मंत्री रह चुके थे और 28 जून 1996 को उन्होंने जल संसाधन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था.1991 में गुजराल ने पटना से चुनाव लड़ा था,हालांकि, चुनाव को रद्द कर दिया गया, जिसके बाद 1992 में गुजराल को लालू प्रसाद यादव की मदद से राज्यसभा के लिए चुना गया.
अल्पसंख्यक समाज के पहले पीएम बने मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के13वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. सिंह कभी भी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे. हालांकि, 1991 से 2019 तक उन्होंने राज्य सभा में असम और 2019 से 2024 तक राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया.
पीएम मोदी कर रहे वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व
2014 के बाद से देश की कमान पीएम मोदी के हाथ में है. वह 2014 और 2019 से उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. 2024 में भी इसी सीट से वह मैदान में हैं.
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