नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल फरवरी में गुवाहाटी में असम निवेशक और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को मोदी को अगले 24 और 25 फरवरी को गुवाहाटी में असम निवेशक और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन और मुख्य अतिथि के रूप में मेगा झुमुर प्रदर्शन में भाग लेने के आमंत्रित किया.
इस बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए तुरंत सहमति व्यक्त की." मुख्यमंत्री सरमा ने सोमवार को यहां संसद भवन में प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान यह निमंत्रण दिया. प्रधानमंत्री के साथ 25 मिनट की लंबी बैठक के दौरान सरमा ने उन्हें असम में विकास संबंधी कई पहलों के बारे में जानकारी दी और विभिन्न विकास संबंधी मुद्दों पर प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन भी मांगा.
सरमा ने कहा, "आज नई दिल्ली में मुझे विभिन्न विकास संबंधी मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला. असम के लोगों की ओर से मुझे उन्हें फरवरी 2025 में असम निवेशक एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन और मेगा झुमुर कार्यक्रम को आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित करने का भी सौभाग्य मिला, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है."
इसके अलावा सरमा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की और असम में हर घर जल मिशन के कार्यान्वयन पर चर्चा की. बैठक के दौरान सरमा ने पाटिल को 80 प्रतिशत से अधिक नल जल कनेक्शनों के साथ हर घर जल के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को लागू करने में राज्य द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में जानकारी दी. योजना के लिए आगे की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए, सरमा ने पाटिल से हर घर जल पहल को आगे बढ़ाने और इसकी संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य की सहायता करने का भी आग्रह किया.
अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि उनका मंत्रालय जल जीवन मिशन के तहत संतृप्ति बिंदु प्राप्त करने में असम की पूरी मदद करेगा." चर्चा के दौरान केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री, पबित्रा मार्गेरिटा, असम के मुख्य सचिव डॉ रवि कोटा और जल शक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. हर घर जल (हर घर को पानी) जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2019 में जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य 2024 तक दीर्घकालिक आधार पर नियमित रूप से प्रति व्यक्ति प्रति दिन प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 55 लीटर नल का पानी उपलब्ध कराना है.
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