दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में युवाओं से NCC से जुड़ने की अपील की - PM MODI MANN KI BAAT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 116वें एपिसोड को संबोधित किया.

radio programme mann ki baat
'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2024, 11:35 AM IST

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चर्चित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में विभिन्न विषयों पर मन की बात की. इस दौरान उन्होंने 'विकसित भारत यंग लीडर्स डयलॉग' की घोषणा की.

इसका आयोजन अगले वर्ष स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर किया जाएगा. इसका प्रमुख उद्देश्य विकसित भारत बनाने में आने वाली चुनौतियों में युवाओं की भूमिका पर जोर देना है. इस दौरान उन्होंने एनसीसी कैडेट के महत्व पर प्रकाश डाला.

उन्होंने युवाओं से एनसीसी कैडेट में शामिल होने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि इससे युवाओं के व्यक्तित्व विकास में बहुत लाभ मिलता है. इसके साथ ही शहरों में विलुप्त हो रहे गौरैया पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने कहा,'मैंने लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया है, जिनका पूरा परिवार कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रखता है. ऐसे एक लाख युवाओं को नए युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई विशेष अभियान चलाए जाएंगे. 'विकसित भारत युवा नेता संवाद' भी ऐसा ही एक प्रयास है.'

पीएम मोदी ने अपनी हाल की तीन देशों की यात्रा का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, 'भारत से हजारों किलोमीटर दूर गुयाना में भी एक 'मिनी इंडिया' बसा हुआ है. करीब 180 साल पहले भारत से लोगों को खेतों में मजदूरी करने और दूसरे कामों के लिए गुयाना ले जाया जाता था.

आज गुयाना में भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति के हर क्षेत्र में गुयाना का नेतृत्व कर रहे हैं. गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं और उन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है.'

इस दौरान पीएम मोदी ने शहरों में विलुप्त हो रहे गौरैया को बचाने के प्रयासों के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा,'हमारे आस-पास जैव विविधता को बनाए रखने में गौरैया अहम भूमिका निभाती है, लेकिन आज शहरों में गौरैया बहुत कम दिखती है. बढ़ते शहरीकरण के कारण गौरैया हमसे दूर हो गई है.

आज की पीढ़ी के कई बच्चों ने गौरैया को सिर्फ तस्वीरों या वीडियो में ही देखा है. ऐसे बच्चों की जिंदगी में इस प्यारी चिड़िया को वापस लाने के लिए कुछ अनोखे प्रयास किए जा रहे हैं. चेन्नई के कुदुगल ट्रस्ट ने गौरैया की आबादी बढ़ाने के अपने अभियान में स्कूली बच्चों को भी शामिल किया है.

संस्थान के लोग स्कूलों में जाकर बच्चों को बताते हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में गौरैया कितनी अहमियत रखती है. यह संस्थान बच्चों को गौरैया के घोंसले बनाने की ट्रेनिंग देता है. इसके लिए संस्थान के लोगों ने बच्चों को लकड़ी का एक छोटा सा घर बनाना सिखाया. इसमें गौरैया के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया गया'

ये भी पढ़ें-एनिमेशन की दुनिया में भारत की नई क्रांति: पीएम मोदी

ABOUT THE AUTHOR

...view details