उत्तरकाशी: गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा नाले के उफान में आने के कारण फंसे 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिन्हें अब एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम रेस्क्यू कर गंगोत्री धाम ला रही है. वहीं, गुरुवार को बहे दो कांवड़ियों का अभी कुछ पता नहीं लग पाया है.
गौर हो कि बीती रोज यानी 4 जुलाई को दिल्ली निवासी दो कांवड़िए चीड़वासा नाले का पानी बढ़ने के कारण उसके तेज बहाव में बह गए थे. इसकी सूचना उनके दोस्त ने कनूख बैरियर पर दी थी. जिसके बाद वन विभाग और एसडीआरएफ की मौके पर पहुंची. शुक्रवार यानी आज भी दोनों को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन तेज बहाव के कारण उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि चीड़वासा नाला बढ़ने के कारण वहां पर 35 यात्री समेत भूविज्ञान संस्थान के 5 अधिकारी और कर्मचारी फंस गए थे. इसमें से सभी लोगों को एसडीआरएफ ने रोप और रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकालकर कनखू बैरियर के लिए भेज दिया है.
वहीं, उत्तरकाशी रेस्क्यू टीम प्रभारी ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से बताया कि एसडीआरफ की टीम ने 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जिसमें 25 कांवड़िए, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के 5 महिला कर्मचारी और 8 यात्री शामिल हैं. जबकि, 2 कांवड़िए अभी लापता चल रहे हैं.