उत्तराखंड में वायुसेना ने फिर संभाला मोर्चा (वीडियो- ईटीवी भारत) श्रीनगर (उत्तराखंड):पौड़ी जिले में वनाग्नि को बुझाने के लिए वायुसेना की ओर से चलाया जा रहा ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है. ऑपरेशन के तहत वायुसेना ने एमआई-17 की मदद से पौड़ी के अदवाणी में आग बुझाने का काम शुरू कर दिया है. यह ऑपरेशन दोपहर दो बजे से शुरू हुआ, जो देर शाम तक जारी रहेगा.
भारतीय वायुसेना MI-17 V5 हेलीकॉप्टर के जरिए बांबी बकेट से श्रीनगर के डैम से पानी भरकर अदवाणी फायर एरिया में छिड़क रहा है. इस ऑपरेशन को वैसे तो आज सुबह 6 बजे शुरू होना था, लेकिन चारों तरफ फैली आग की धुंध के कारण वायुसेना का हेलीकॉप्टर उड़ नहीं पाया. अब वायुसेना ने जैसे ही ऑपरेशन शुरू किया, वैसे ही जिला प्रशासन, वन विभाग समेत स्थानीय लोगों ने चैन की सांस ली है.
पौड़ी जिले में वनाग्नि की घटनाएं आउट ऑफ कंट्रोल हो रही है. जिले में अब तक 150 से ज्यादा वनाग्नि घटनाएं दर्ज की जा चुकी है. जिससे 100 हेक्टेयर से ज्यादा का जंगल और लाखों रुपए की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है. वनाग्नि के कारण आसमान में छाए धुंध से हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने में दिक्कतें हो रही है. वनकर्मी, फायर वाचर समेत क्यूआरटी वनाग्नि को काबू में करने के लिए मशक्कत कर रहे हैं.
पौड़ी के जंगलों में आग बुझाती हेलीकॉप्टर (फोटो- ईटीवी भारत) पौड़ी जिले में आज 5 बड़ी वनाग्नि की घटनाएं घटी है. जिसमें अदवाणी का रिजर्व फॉरेस्ट खिर्सू का जंगल और पाबौ का जंगल समेत अन्य क्षेत्र में जंगल धू-धू कर जले. कंडोलिया में जंगल की आग बेकाबू हो होकर आस पास के घरों तक पहुंच गई. जिस पर वन विभाग ओर फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़ी मुस्किल से काबू पाया है. इसके साथ ही कंडोलिया से बुआखाल जाने वाली रोड पर नागदेव मंदिर के पास रोड के किनारे मशरूम प्लांट के पास जंगल में आग लग गई. जिसे समय रहते बुझा लिया गया.
आग बुझाते वनकर्मी (फोटो- ईटीवी भारत) क्या बोले डीएम आशीष चौहान?पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने बताया कि आग का धुआं छंटने के बाद वायुसेना का हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और पानी के बकेट से आग बुझाने में जुटी है. फिलहाल, वनाग्नि को काबू में करने के लिए वन विभाग की टीम मशक्कत कर रही है. उन्होंने बताया कि अभी भी 5 जगहों पर आग लगी हुई है, जिसे बुझाने के लिए वनकर्मी जुटे हुए हैं.
श्रीनगर डैम से पानी भरता हेलीकॉप्टर (फोटो- ईटीवी भारत) उत्तराखंड में अब तक जले जंगल:वन विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी तक 1316 हेक्टेयर जंगलजल चुके हैं. गढ़वाल की बात करें तो 440 हेक्टेयर और कुमाऊं में 775 हेक्टेयरजंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ चुके हैं. जबकि, आग की घटनाओं पर गौर करें गढ़वाल में 370 और कुमाऊं में 546 जगहों पर वनाग्नि की घटनाएं देखने को मिली है.
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