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साइबर अपराध पर लगेगी लगाम! गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया एक्शन प्लान - CYBER CRIME IN INDIA

भारत में साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं. संसदीय समिति के सदस्यों ने इस पर चिंता जतायी है. पढ़ें, गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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साइबर क्राइम.(सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 10, 2025, 3:52 PM IST

नयी दिल्लीः सांसदों ने देश में बढ़ रहे साइबर अपराध के मामलों पर चिंता जतायी है. संसद की स्थायी समिति के सदस्यों ने गुरुवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की. सदस्यों ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की. मंत्रालय ने 'साइबर अपराध-परिणाम, संरक्षण और रोकथाम' विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी. इस अवसर पर गृह सचिव गोविंद मोहन के साथ मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.

साइबर अपराध का मुद्दा गंभीरः गृह मामलों की संसदीय समिति में 30 सदस्य हैं. 10 राज्यसभा से और 20 लोकसभा से हैं. सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि गृह सचिव मोहन ने सदस्यों को साइबर अपराध को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी. नाम न छापने की शर्त पर समिति के एक सदस्य ने कहा, "साइबर अपराध का मुद्दा बहुत गंभीर है. सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बावजूद, पूरे भारत से साइबर अपराध के मामले नियमित रूप से सामने आ रहे हैं."

चिंतित करनेवाले आंकड़ेः राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार अगस्त 2019 से 31 मार्च 2024 तक कुल 38 लाख 58 हजार 971 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. बाल पोर्नोग्राफी और बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार के 1 लाख 65 हजार 953 मामले दर्ज किए गए. ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की कुल संख्या 28 लाख 42 हजार 78 मामले दर्ज किये गये, जबकि अन्य साइबर अपराधों की संख्या 8 लाख 27 हजार 757 थी.

साइबर अपराध रोकथाम की तैयारीः महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से, गृह मंत्रालय 223.198 करोड़ रुपये खर्च करने की रूपरेखा तैयार की है. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना को लागू किया जा रहा है. ये योजनाएं समन्वित और व्यापक तरीके से ऐसे साइबर अपराध से निपटने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में सहयोग करेगा.

कर्मियों को किया जा रहा प्रशिक्षितः ईटीवी भारत के पास मौजूद सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सीसीपीडब्ल्यूसी योजना के तहत 2023-24 में साइबर फोरेंसिक-सह प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के प्रशिक्षण और जूनियर साइबर फोरेंसिक सलाहकार की भर्ती के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 132.82 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सरकारी अभियोजकों और न्यायाधीशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

साइबर अपराधों का विश्लेषणः गृह मंत्रालय के तहत साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों के लिए एक नोडल विभाग भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र विभिन्न साइबर खतरों का विश्लेषण करता है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, अर्धसैनिक बलों, बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ साइबर अपराध के रुझान, कार्यप्रणाली पर सलाह जारी करता है. जनवरी 2020 से मार्च 2024 के बीच, 178 साइबर अपराध सूचना सलाह साझा की गई हैं.

एजेंसी कर रही जांचः साइबर अपराध से संबंधित 36 तकनीकी विश्लेषण रिपोर्ट बैंकों, वॉलेट और भुगतान मध्यस्थों के साथ साझा की गई हैं. इसके अलावा, देश भर में साइबर अपराध के विभिन्न घटनाक्रमों और घटनाओं की 350 से अधिक दैनिक डाइजेस्ट रिपोर्ट भी राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर साझा की जाती है. इन रिपोर्टों के आधार पर, केंद्रीय जांच ब्यूरो, ईडी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय और राज्य पुलिस बलों द्वारा जांच शुरू की गई है.

साइबर स्वयंसेवक ढांचाः साइबर विशेषज्ञों को साइबर स्वयंसेवक के रुप में नियुक्त किया जा रहा है. ये नागरिकों को गैरकानूनी सामग्री की रिपोर्टिंग, साइबर स्वच्छता के प्रसार और कानून प्रवर्तन में सहायता करेंगे. गैरकानूनी सामग्री की रिपोर्टिंग और साइबर जागरूकता के लिए साइबर स्वयंसेवक ढांचे के तहत कुल 54 हजार 833 स्वयंसेवकों को पंजीकृत किया गया है. गैरकानूनी सामग्री की रिपोर्टिंग के लिए 22 हजार 942 साइबर स्वयंसेवक, 22 हजार 71 साइबर जागरुकता प्रमोटर और 9 हजार 819 साइबर विशेषज्ञ शामिल हैं.

सिम कार्ड और IMEI ब्लॉक किया: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर सिम कार्ड और मोबाइल डिवाइस (धोखाधड़ी करने में इस्तेमाल) को ब्लॉक करने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया गया है. अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक कुल 4 लाख 29 हजार 152 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए हैं. 69 हजार 921 मोबाइल डिवाइस लॉक किए गए हैं. 12 हजार 86 मोबाइल नंबर पुनः सत्यापन के लिए लंबित हैं.

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