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शीतकालीन सत्र 2024: लोकसभा में रेलवे (संशोधन) विधेयक पर चर्चा, बॉयलर विधेयक राज्यसभा से पारित

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संसद शीतकालीन सत्र (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 20 hours ago

Updated : 15 hours ago

नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र के 7वें दिन बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही समाप्त हो गई. लोकसभा में रेलवे संशोधन विधेयक पर विस्तार से चर्चा की गई. बॉयलर विधेयक राज्यसभा से पारित हो गया.

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7:40 PM, 4 Dec 2024 (IST)

बॉयलर विधेयक राज्यसभा से पारित

बॉयलर का विनियमन सुनिश्चित करने, भाप बॉयलर के विस्फोट के खतरे से लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा देश में इसके विनिर्माण, स्थापना और उपयोग के दौरान पंजीकरण और निरीक्षण में एकरूपता के मकसद से लाए गए एक विधेयक को बुधवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई. बॉयलर विधेयक, 2024 एक सौ साल पुराने बॉयलर कानून की जगह लेगा. विधेयक पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि श्रमिकों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में 2022 से 2047 तक देश को समृद्ध बनाने के लिए हर क्षेत्र में सुधार, कौशल उन्नयन और कठोर श्रम जरूरी है साथ ही देश को गुलामी की मानसिकता से भी मुक्त कराना होगा.

गोयल ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में आधुनिक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें प्रावधानों को सख्त करना, कारोबार की सुगमता के साथ ही अपनी विरासत पर गर्व करना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि बॉयलर विधेयक 2024 इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक 100 साल पुराने बॉयलर अधिनियम, 1923 (1923 का 5) को निरस्त करेगा. मंत्री ने कहा कि इस विधेयक से बॉयलर का विनियमन सुनिश्चित करने, भाप बॉयलर के विस्फोट के खतरे से लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा तथा देश में बॉयलर के विनिर्माण, स्थापना और उपयोग के दौरान पंजीकरण और निरीक्षण में एकरूपता लाने और इससे जुड़े मामलों में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि जिस अधिनियम को बदला जा रहा है वह 100 साल पहले आया था. उन्होंने कहा कि बॉयलर का इस्तेमाल सभी उद्योगों में होता है और बॉयलर कई तरह के होते हैं. उन्होंने कहा कि सालों तक जंग लगने की वजह से दुर्घटनाएं भी होती हैं और पुराने कानून में डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं. गोयल ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश काल के पुराने और अप्रसांगिक हो चुके कानूनों का बदलने का संकल्प लिया है और उपनिवेशवाद के प्रतीक 2,000 से अधिक पुराने कानून निरस्त कर दिये गए हैं.

मंत्री ने कहा कि कारोबार में सुगमता को जिस तरह आगे बढ़ाया गया है उससे देश में काम करना आसान हुआ है और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि बॉयलर विधेयक 2024 में कारोबार सुगमता का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के लिए, विधेयक एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा, क्योंकि विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. कुछ विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के संबंध में संशोधन पेश किए जिन्हें खारिज कर दिया गया.

विधेयक में बॉयलर और बॉयलर का काम-काज करने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सात अपराधों में से, चार प्रमुख अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड बरकरार रखा गया है. उन्होंने कहा कि कुछ अपराधों को अपराध सूची से हटाने का मकसद यह है कि अफसरशाही हावी न होने पाए. अन्य अपराधों के लिए, वित्तीय दंड का प्रावधान किया जा रहा है. इसके अलावा, सभी गैर-आपराधिक कृत्यों के लिए ‘आर्थिक दंड’ को ‘जुर्माने’ में बदल दिया गया है, जिसे अदालतों के बजाय कार्यकारी तंत्र के माध्यम से लगाया जाएगा.

उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मानते हैं कि कारोबारी ईमानदार होता है. इसे ध्यान में रखते हुए ही आर्थिक दंड को जुर्माने में बदला गया है.’’ विधेयक में विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप, नियम बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति, नियम बनाने की बोर्ड की शक्ति, और नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति को विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है. बॉयलर अधिनियम, 1923 को वर्ष 2007 में भारतीय बॉयलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 के माध्यम से संशोधित किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा निरीक्षण और प्रमाणन की शुरुआत हुई थी.

नए विधेयक में अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है तथा नियमों और विनियमों के लिए कुछ सक्षम प्रावधान किए गए हैं, जो पहले मौजूद नहीं थे. कुछ नयी परिभाषाएं भी शामिल की गई हैं और कुछ मौजूदा परिभाषाओं में संशोधन किया गया है, ताकि विधेयक के प्रावधानों को और अधिक स्पष्ट बनाया जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

7:33 PM, 4 Dec 2024 (IST)

रेलवे संशोधन विधेयक पर चर्चा, विपक्षी सांसदों ने उठाए सवाल

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने भारतीय रेलवे के निजीकरण की आशंका जताते हुए बुधवार को कहा कि यात्री किराया, सुविधा और सुरक्षा पर सरकार को अधिक ध्यान देना चाहिए, वहीं भाजपा और सहयोगी दलों के सांसदों ने कहा कि इस सरकार में रेलवे में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहे हैं.लोकसभा में रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मनोज कुमार ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से रेलवे की स्वायत्तता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि इससे रेलवे के निजीकरण की संभावना बढ़ेगी. कुमार ने कहा, ‘‘रेल अधिनियम 1989 में शामिल होने वाले नए प्रावधानों से निजीकरण का रास्ता साफ हो सकता है और रेलवे की सार्वजनिक संपत्ति को निजी हाथों में सौंपा जा सकता है.’’ उन्होंने कहा कि निजी लोग आएंगे तो मनमानी करेंगे और यात्री किराया अप्रत्याशित तरीके से बढ़ सकता है. उन्होंने रेलवे में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की.

विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि यह विधेयक भारतीय रेल में व्यापक सुधार और आधुनिकीकरण के लिए लाया गया है और इससे रेलवे की पूरी व्यवस्था में सुधार होगा. अपराजिता ने कहा कि रेलवे के कुछ पुराने कानूनों को खत्म करने का सुझाव 1986 में एक संयुक्त संसदीय समिति ने दिया था, लेकिन उस वक्त इसे नहीं माना गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुधारों की प्रतिबद्धता के तहत रेलवे में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है.

भाजपा सदस्य रवि किशन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश को पुरातन कानूनों से मुक्ति दिलाई जाएगी और यह विधेयक उसी क्रम में लाया गया है. उन्होंने दावा किया, ‘‘रेलवे के टिकट बहुत सस्ते दामों में मिलते हैं और अब अगर टिकट निरस्त किया जाता है तो यात्रियों को पूरा पैसा आता है.’’

रवि किशन ने कहा, ‘‘बुलेट ट्रेन के लिए 300 किलोमीटर की पटरी बिछ चुकी है. विकसित भारत के सपने में बुलेट ट्रेन का बहुत महत्व है.’’ समाजवादी पार्टी (सपा) के नीरज मौर्य ने कहा कि सरकार को रेलवे को निजीकरण की तरफ नहीं ले जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड को स्वतंत्र निर्णय लेने वाली संस्था बनाया जाना चाहिए.

तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के जीएम हरीश बालयोगी ने कहा कि भारतीय रेल की पहुंच का दायरा बढ़ाने, किराया किफायती बनाने और जवाबदेही तय करने की जरूरत है. जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि कोविड के समय जिन रेलगाड़ियों को बंद किया गया था, उन्हें फिर से चलाया जाए. कांग्रेस की संजना जाटव ने आरोप लगाया कि इस सरकार में रेलवे में सुरक्षा में बार-बार समझौता किया गया है. उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया. सपा के रमाशंकर राजभर ने रेलवे बोर्ड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों को शामिल करने की मांग की.

उन्होंने गैंगमैन को सम्मान देने के लिए उनका नाम रेल पटरी रक्षक किये जाने की मांग की. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुधाकर सिंह ने कहा कि इस विधेयक में रेलवे की प्राथमिकताओं पर ध्यान नहीं दिया गया है. भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते हैं कि सरकार का काम लोगों के जीवन में सरलता लाने का होना चाहिए. निश्चय ही यह विधेयक इस उद्देश्य में सफल होता है.’’

उनका कहना था कि इस तरह का कानून बनाकर साधारण लोगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होंगी. भाजपा सांसद ने कहा ‘वंदे भारत’ ट्रेन आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत बड़ी मिसाल बनकर आई है. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता एडवोकेट चंद्रशेखर ने कहा कि रेलवे बोर्ड में नियुक्तियां विचारधारा के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या रेलवे बोर्ड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों की महिलाओं को स्थान मिलेगा या नहीं.

निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि रेलवे में आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि क्षेत्रीय रेल अधिकारी सांसदों का सम्मान नहीं करते और उद्घाटन कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखा जाता है. आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस विधेयक से रेलवे से जुड़ी पूरी ताकत केंद्र सरकार के पास आ जाएगी. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को टिकट पर उसी तरह की छूट मिलनी चाहिए जो कोविड महामारी से पहले मिलती थी. कांग्रेस के एमके राघवन और कालीचरण मुंडा, तृणमूल कांग्रेस के बापी हलदर, द्रमुक के थंगा तमिलसेल्वन, शिवसेना (उबाठा) के अरविंद सावंत, भाजपा के मुकेश दलाल तथा धरमबीर गांधी तथा माकपा के अमरा राम आदि ने भी चर्चा में भाग लिया.

(पीटीआई-भाषा)

2:20 PM, 4 Dec 2024 (IST)

संसद में रेल विधेयक पर चर्चा जारी, रविकिशन ने रेलवे की प्रशंसा की

लोकसभा संसद में रेल (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा जारी है. गोरखपुर से बीजेपी के सांसद रवि किशन बिल के पक्ष में बोलते हुए रेलवे के समग्र विकास पर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में रेलवे ने कई रिकॉर्ड बनाए. सांसद ने विकास के आंकड़े गिनाए और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच कितनी दूर द्रष्टा है.

1:43 PM, 4 Dec 2024 (IST)

रेलवे हर साल टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी देता है: अश्विनी वैष्णव

लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया. इस विधेयक पर चर्चा जारी है. कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए टिकट कीमतों के मुद्दे पर बोलते हुए चर्चा की शुरुआत की. इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे हर साल सभी श्रेणियों के यात्रियों को कुल 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी देता है. इसमें हर टिकट पर 46 प्रतिशत की छूट दी जाती है.

लोकसभा में विभिन्न श्रेणियों के रेल यात्रियों को दी जाने वाली छूट को बहाल करने के बारे में कई सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे इसके लिए सिर्फ 54 रुपये लेता है. यानी 46 प्रतिशत की छूट. रैपिड ट्रेन सेवा पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे ने भुज और अहमदाबाद के बीच पहले ही ऐसी सेवा - नमो भारत रैपिड रेल - शुरू कर दी है और इसकी बेहतरीन सेवा के कारण यात्रियों का संतुष्टि स्तर बहुत अधिक है.

1:16 PM, 4 Dec 2024 (IST)

हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा उठाया

मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता जताई. हेमा मालिनी ने कहा कि इस्कॉन वैश्विक स्तर पर वैदिक कल्चर बताते हैं. मानवता का पाठ पढ़ाते हैं. इसके हजारों सेंटर हैं. लेकिन इसके खिलाफ हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से हिदुओं के साथ अत्याचार रोके जाने का आग्रह किया. हेमा मालिनी ने कहा कि वह स्वयं कृष्ण भक्त हैं. इससे उनके साथ लाखों भक्त इससे आहत हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, अत्याचार को हम बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. असम से सांसद दीलीप सैकिया ने भी इसी मुद्दे को उठाया.

1:01 PM, 4 Dec 2024 (IST)

लोकसभा में आज में भोजनावकाश नहीं होगा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'आज सदन में भोजनावकाश नहीं होगा, ताकि स्थगन में बर्बाद हुए समय की कुछ हद तक भरपाई की जा सके.'

12:38 PM, 4 Dec 2024 (IST)

तेजस्वी सूर्या ने निजी बीमा कंपनियों के भुगतान न करने का मुद्दा उठाया

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने निजी बीमा कंपनियों द्वारा लगभग 80फीसदी लोगों को मुआवजा न देने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 15 में से 10 निजी बीमा कंपनियों ने केवल 20फीसदी का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. इसपर संबंधित मंत्रालय को ध्यान देने की जरूरत है.

12:27 PM, 4 Dec 2024 (IST)

आज रेल विधेयक पर चर्चा होगी: ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हम रेल विधेयक पर चर्चा करेंगे. उससे पहले मैं एक बात का अनुरोध करना चाहता हूं. कई सालों से लॉटरी में 20 प्रश्न आते हैं. और वह भी बड़ी मुश्किल से. कुछ सदस्यों को लॉटरी में एक साल में भी मौका नहीं मिलता, जबकि कुछ को एक सत्र में दो या तीन मौके मिल जाते हैं. लॉटरी पूरी पारदर्शिता के साथ संसद के सभी सदस्यों की मौजूदगी में होती है. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप संक्षिप्त प्रश्न पूछें और संक्षिप्त उत्तर दें ताकि हम 20 प्रश्नों की सूची पूरी कर सकें.

12:06 PM, 4 Dec 2024 (IST)

रेल मंत्री ने कहा- ओडिशा में रेल विकास के लिए 73,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया

संसद शीतकालीन सत्र के 7वें दिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि ओडिशा में रेल विकास के लिए 73,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

11:12 AM, 4 Dec 2024 (IST)

विपक्षी सांसदों ने अडाणी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया

संसद के सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले में संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने अडाणी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लगे हैं.

11:03 AM, 4 Dec 2024 (IST)

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है.

10:53 AM, 4 Dec 2024 (IST)

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले की निंदा की

सुखबीर सिंह बादल पर हमला मामले में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'यह अत्यंत दुखद और निंदनीय है. श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सबसे बड़ा धार्मिक संगठन है और सुखबीर सिंह बादल अपनी सजा पूरी कर रहे थे, लेकिन उन पर हमला करना अत्यंत निंदनीय है. इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.'

10:20 AM, 4 Dec 2024 (IST)

गौरव गोगोई ने अडाणी मामले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अडाणी मामले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. अडाणी मुद्दे को लेकर विपक्ष संसद में हमलावर है. इस मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से संसद में गतिरोध बना हुआ है. मंगलवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं में विरोध-प्रदर्शन भी किया.

Last Updated : 15 hours ago

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