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दिल्ली आबकारी घोटाला मामलाः आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश; केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में हुए पेश - Delhi Excise Scam case

Delhi Excise Scam case : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सोमवार 1 सितंबर को सुनवाई करते हुए ईडी को आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.

आबकारी घोटाला मामले में आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश,
आबकारी घोटाला मामले में आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश, (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2024, 2:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सोमवार 1 सितंबर को सुनवाई करते हुए ईडी को निर्देश दिया है कि वो आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराए. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को करने का आदेश दिया.

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए पेश
आज इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. केजरीवाल तिहाड़ जेल से कोर्ट में पेश हुए. मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को मामले में सुप्रीम कोर्ट जमानत दे चुका है. अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में अंतरिम जमानत दे चुका है.21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था.

सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को किया था गिरफ्तार
बता दें कि ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था.


क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?

दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री में गड़बड़ी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में अपनी नई उत्पाद शुल्क नीति में सुधार करती है. पहले दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री सरकारी और निजी ठेके के बीच समान तरीके से होती थी. इससे उत्पाद शुल्क विभाग को हर साल लगभग 4,500 करोड़ रुपये मिलता था. दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में सरकार ने खुदरा कारोबार को पूरी तरह से निजीकरण कर दिया. इस तरह उत्पाद शुल्क की चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लग गया. इससे 10,000 करोड़ रुपये के राजस्व की कमाई का लक्ष्य रखा गया. राजधानी के सभी 272 नगरपालिका वार्डों में से प्रत्येक में कम से कम दो शराब की दुकानें खोली जानी थी.

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दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जुलाई 2022 में नई आबकारी नीति को लेकर जांच की. उन्होंने बताया कि नीति में जानबूझकर और गंभीर खामियां बरती गई और लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिया गया. इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. मुख्य सचिव की जांच के कुछ मुद्दे सीबीआई एफआईआर का हिस्सा बन गए.
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