नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 32 लोकसेवकों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति देने पर दो हफ्ते में फैसला करने का निर्देश दिया. स्पेशल जज विशाल गोगने ने सक्षम प्राधिकार से कहा कि वे इस संबंध में फैसला कर कोर्ट को सूचित करें. मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि लालू यादव समेत दूसरे लोकसेवकों के खिलाफ ट्रायल के लिए अभी तक अनुमति नहीं मिल सकी है. तब कोर्ट ने संबंधित प्राधिकार को ट्रायल की अनुमति देने के मामले पर दो हफ्ते में अनुमति देने के मामले पर फैसला करने का निर्देश दिया. सीबीआई ने 7 जून को इस मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल किया था. जिसमें 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इन 78 आरोपियों में से रेलवे में नौकरी पाने वाले 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं.
6 जुलाई को सुनवाई के दौरान ईडी के ज्वायंट डायरेक्टर कोर्ट ने कहा था कि यह मामला काफी संवेदनशील है. उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिया कि ईडी तय समय पर आरोप-पत्र दाखिल कर देगी. ईडी ने कहा था कि इस मामले में अभी भी जांच चल रही है. ईडी ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय दिए जाने की मांग की. हालांकि कोर्ट ने ईडी से पूछा कि आप कब तक इस मामले की जांच पूरी कर लेंगे. मामले में जांच पूरी करने के लिए एक समय सीमा होनी चाहिए. कोर्ट ने ईडी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 6 अगस्त तक का समय दिया.
बता दें कि 7 मार्च को कोर्ट ने ईडी के मामले में राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी थी. इस मामले में कोर्ट ने 27 जनवरी को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने इस मामले में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था.इस मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था.