नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने हजरत निजामुद्दीन दरगाह के आसपास अवैध गेस्ट हाउस के निर्माण की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. मंगलवार को सुनवाई करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में बेरोकटोक गैरकानूनी निर्माण कार्य चल रहे हैं और ऐसा लगता है कि कई प्राधिकारों के होने के बावजूद बिल्डरों को किसी का भय नहीं है.
हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वे संरचनात्मक सुधार करने और अतिक्रमण को रोकने के लिए नई रणनीति तैयार करें. दिल्ली नगर निगम अतिक्रमित स्थान को सील करती है, लेकिन सवाल है कि सीलिंग या ध्वस्तीकरण का कोई असर क्यों नहीं हो रहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशासन केवल यथास्थिति बरतने मात्र से संतुष्ट हो जाती है.
पिछली सुनवाई में दी थी हिदायतःइससे पहले 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि वो इस मामले की जांच सीबीआई को भी सौंपने पर विचार कर सकती है. अब निजामुद्दीन दरगाह के आसपास कोई अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए. दरअसल, हाईकोर्ट जामिया अरबिया निजामिया वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी की याचिका पर सुनवाई कर रही है.
याचिका में कहा गया है कि निजामुद्दीन की बावली और बाराखंबा मीनार के सौ मीटर के दायरे में अवैध गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है. निजामुद्दीन की बावली और बाराखंबा मीनार निजामुद्दीन दरगाह के पास है और ये संरक्षित इमारतें हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया था कि इसके पहले भी कई गेस्ट हाउस सील हो चुके हैं, लेकिन हाल में गेस्ट हाउस के निर्माण की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं. पुलिस और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. तब एएसआई की ओर से पेश वकील ने कहा था कि एएसआई ने संबंधित गेस्ट हाउस के मालिक को नोटिस जारी किया और पुलिस से एफआईआर दर्ज करने को कहा था.
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