नई दिल्ली: भारत में पिछले एक दशक में अंगदान और प्रत्यारोपण में वृद्धि देखी गई है, लेकिन केंद्र ने माना है कि अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों और उपलब्ध अंग दाताओं के बीच बहुत बड़ा अंतर है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि एक अंग दाता 8 से 9 लोगों की जान बचा सकता है. उन्होंने अंगदान के लिए जन जागरूकता पर जोर दिया.
भारत जुलाई को अंगदान माह के रूप में मना रहा है. आंकड़ों से पता चला है कि देश में 2013 से 2022 तक अंगदान और प्रत्यारोपण की प्रवृत्ति में वृद्धि देखी गई है. ईटीवी भारत के पास मौजूद सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में कुल अंग प्रत्यारोपण की संख्या 4,990 से बढ़कर 16,041 हो गई है.
अंग प्रत्यारोपण की कुल संख्या में से 13,338 जीवित प्रत्यारोपण, 2,694 मृत प्रत्यारोपण और 9 डोमिनो लिवर प्रत्यारोपण थे. सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में 2022 में किडनी, लिवर, हृदय और फेफड़े सहित अधिकतम 3,818 अंग प्रत्यारोपण दर्ज किए गए. 2022 में 2,245 अंग प्रत्यारोपण के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है और 2022 में 1,525 अंग प्रत्यारोपण के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है.