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ममता बनर्जी का बड़ा प्लान, बोलीं- नीति आयोग की बैठक में जाऊंगी, लेकिन... - NITI Aayog meeting - NITI AAYOG MEETING

CM Mamata Banerjee Delhi Visit: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वह 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी. पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि इस बैठक में मेरे साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी भाग लेंगे.

CM Mamata Banerjee Delhi Visit
ममता बनर्जी (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 26, 2024, 5:15 PM IST

नई दिल्ली:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में भाग लेंगी. उन्होंने मीडिया के सामने इस बात की की पुष्टि कर दी हैं. हालांकि इससे पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि वे अन्य विपक्षी मुख्यमंत्रियों की तरह इस बैठक में भाग नहीं लेंगी. ममता बनर्जी ने मीडिया के समक्ष कहा कि बैठक में शामिल होने का फैसला उन्होंने बहुत पहले ले लिया था. उन्होंने कहा कि इस बैठक में हिस्सा लेने के पीछे बड़ा कारण है.

सीएम ने कहा कि वे इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में बंगाल और अन्य विपक्षी शासित राज्यों के साथ किए गए भेदभाव पर अपनी चिंता व्यक्त करेंगी. उन्होंने कहा कि बैठक में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन मौजूद रहेंगे. हम दोनों अन्य लोगों (जो मौजूद नहीं होंगे) की ओर से बोलेंगे. इस दौरान बंगाल की सीएम ने बजट को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते नजर आईं.

बता दें, ममता बनर्जी यह फैसला कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव के विरोध में, 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले के एक दिन बाद आया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बैठक में कुछ समय तक रहूंगी. मैं बैठक में अपनी आवाज उठाऊंगी, लेकिन अगर मुझे अनुमति नहीं दी गई, तो मैं बाहर निकल जाऊंगी. सीएम के कहने का मतलब यह है कि यदि इस बैठक में उन्हे भाषण देने और बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव और राजनीतिक पक्षपात के साथ-साथ बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने का मौका मिला, तो वे बैठक में वॉकआउट कर देंगी.

बनर्जी ने कहा बंगाल समेत सभी विपक्ष शासित राज्यों को इस बजट में पूरी तरह से वंचित रखा गया है. केंद्र ने इन राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. मैं हमारे खिलाफ इस तरह के भेदभाव और राजनीतिक पक्षपात को स्वीकार नहीं कर सकती. भारत ब्लॉक के सहयोगी पंजाब के सीएम भगवंत मान, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुखू, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. लेकिन मैं इस बैठक में विपक्ष का आवाज बनने जा रही हूं.

वहीं, मुख्यमंत्री बनर्जी ने झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा 25 जुलाई को संसद में पश्चिम बंगाल के दो जिलों मालदा और मुर्शिदाबाद तथा बिहार के तीन जिलों कटिहार, अररिया और किशनगंज को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के मुद्दे पर दिए गए भाषण की भी आलोचना की. ममता ने कहा कि केंद्र सरकार हर तरह की नाकेबंदी कर रही है, चाहे वह आर्थिक हो, राजनीतिक हो, भौगोलिक हो या कुछ और. वे इस देश को तोड़ना और बिखेरना चाहती हैं.

भाजपा नेता और मंत्री सभी एक ही काम पर लगे हैं, राज्यों को कैसे अस्थिर किया जाए, चाहे वह बंगाल हो, झारखंड हो या असम और बिहार के अन्य पड़ोसी राज्य हों. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और हम इस कदम की निंदा करते हैं. यह एक साजिश है जो रची जा रही है और हम इसे होने नहीं देंगे.

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