गोरखपुर: नेपाल बस हादसे में मारे गये लोगों के शव जहां नेपाल से ही एयर लिफ्ट कर महाराष्ट्र ले जाया गया, वहीं अन्य दो बसों में सवार 48 यात्रियों को गोरखपुर लाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रेन से इन्हे भुसावल, मुंबई के लिये रवाना किया. जब यह यात्री शनिवार रात रेलवे स्टेशन पहुंचे तो अपनों को यादकर फफक कर रो पड़े. इनमें परेश नाम का एक यात्री भी शामिल था, जिसने इस हादसे में अपने बड़े भाई समेत पांच लोगों को खोया था. वह चाहता था कि अपनों के शव के साथ ही विमान से जाए लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया.
रोती बिलखती महिलाएं जल्द से जल्द घर पहुंचना चाह रही थीं. इस बस दुर्घटना में महाराष्ट्र के 28 यात्रियों की मौत हो गई है. गोरखपुर के केसरवानी ट्रेवल की तीन बस पोखरा से काठमांडू के लिए जा रही थी. जिसमें 110 यात्री सवार थे. जैसे ही बस तनहुन के अंबूखरैनी पहुंची, मौसम खराब होने के कारण ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और एक बस नदी में गिर गई. इसमें मौके पर ही 28 लोगों की मौत हो गई थी. कुछ घायलों का काठमांडू में इलाज चल रहा है. इस हादसे में गोरखपुर निवासी बस ड्राईवर मुस्तफा और खलासी की मौत हो गई है. उनका शव उनके घर तक पहुंच गया है.
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जीवित रेल यात्रियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरखपुर और महराजगंज जिला प्रशासन की मदद से गोरखपुर लाया गया, जहां जिला प्रशासन एवं भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने यात्रियों से बातचीत कर उनका हाल-चाल जाना. जिला प्रशासन द्वारा यात्रियों के खाने-पीने और आराम करने के लिए व्यवस्था की गई थी. प्रशासन द्वारा रेल अधिकारियों से संपर्क कर महाराष्ट्र जाने वाली ट्रेन में एक स्पेशल बोगी लगवाकर यात्रियों को महाराष्ट्र के लिए रवाना किया गया था.