बारामती (पुणे): लोकसभा चुनाव में इस बार महाराष्ट्र की बारामती सीट पर एनसीपी के दोनों गुटों के बीच मुख्य मुकाबला है. एनसीपी (अजित गुट) की तरफ से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की तरफ से सुप्रिया सुले मैदान में हैं, यानी भाभी-ननद के बीच टक्कर है. बारामती में तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी. रविवार शाम पांच बजे यहां चुनाव प्रचार थम गया.
वर्ष 1967 से बारामती की राजनीति पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है. शरद पवार ने जब से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया है, तब से उनकी या उनके उम्मीदवारों की सभाएं बारामती के मिशन बंगला मैदान में होती रही हैं. एनसीपी में फूट के बाद मिशन बंगला मैदान पर अजित पवार गुट ने बाजी मार ली है. इसलिए इस बार शरद पवार इस मैदान में प्रचार के आखिरी दिन सभा नहीं कर पाए. उन्होंने मोरगांव रोड स्थित लेंडीपट्टा में बारामती लोकसभा सीट से उम्मीदवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले के लिए सभा की.
मिशन बंगला मैदान और पवार परिवार के बीच कई सालों से रिश्ता कायम है. पिछले साल एनसीपी में फूट के बाद पवार परिवार में दरार पड़ी और यह दरार इस हद तक बढ़ गई कि लोकसभा चुनाव में एक ही घराने के नेता एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की तरफ से सुप्रिया सुले और महायुति से सुनेत्रा पवार बारामती से चुनाव लड़ रही हैं. भले ही पवार परिवार से महिला उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन असली मुकाबला वरिष्ठ नेता शरद पवार और उनके भतीजे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच है. चुनाव में दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अजित पवार पिछले डेढ़ महीने से शरद पवार की आलोचना कर रहे हैं. शरद पवार ने समय-समय पर आलोचना का जवाब भी दिया है.
लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद, पंचायत समिति या नगर परिषद का कोई भी चुनाव हो, एनसीपी हमेशा मिशन बंगला मैदान में सभा करके प्रचार अभियान का समापन करती रही है. लेकिन इस बार अलग ही राजनीतिक माहौल देखने को मिला. अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट से पहले ही इस मैदान को बुक कर लिया था. इसलिए शरद पवार गुट को प्रचार के आखिरी दिन चुनावी सभा कहीं और करनी पड़ी.
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