बीजापुर: बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में पुलिस ने शवों की पहचान की है. रविवार को इस संदर्भ में बीजापुर एसपी डॉक्टर जितेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने मारे गए नक्सलियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी है. इस एनकाउंटर में कुल 8 नक्सली मारे गए हैं. जिनके ऊपर कुल 16 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
"नक्सली कमलेश नीलकंठ मारा गया": बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने मीडिया को बताया कि इस मुठभेड़ में नक्सली कमलेश नीलकंठ मारा गया. उसकी उम्र 24 साल थी. उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था. नक्सली कमलेश माओवादियों के पश्चिम बस्तर संभाग के अंतर्गत गंगालूर क्षेत्र समिति का सदस्य था. जितेंद्र यादव ने इसे सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता बताया है. मुठभेड़ में मारे गयें 05 लाख के इनामी माओवादी पश्चिम बस्तर डिवीजन गंगलूर एरिया कमेटी ACM समेत Militia Company के सदस्य थे. सभी आठों नक्सलियों की पहचान हो गई है.
मारे गए नक्सलियों की जानकारी: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में सबसे बड़ा नक्सली कमलेश नीलकंठ था. वह पांच लाख का इनामी था. इसके अलावा अन्य नक्सलियों की जानकारी कुछ इस प्रकार है.
बीजापुर नक्सल एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों की जानकारी
- नक्सली ताती कमलू, उम्र 30 साल, पश्चिम बस्तर डिवीजन, गंगालूर LOS सदस्य, तीन लाख का इनाम
- नक्सली मंगल ताती, उम्र 35 साल, पश्चिम बस्तर डिवीजन, गंगालूर LOS सदस्य, तीन लाख का इनाम
- नक्सली लच्छु पोटाम, उम्र 40 वर्ष, मिलिशिया कमाण्डर, एक लाख का इनाम
- नक्सली शंकर ताती, उम्र 26 वर्ष, पश्चिम बस्तर डिवीजन, आरपीसी उपाध्यक्ष, एक लाख का इनाम
- नक्सली राजू ताती, पश्चिम बस्तर डिवीजन, सावनार आरपीसी उपाध्यक्ष, एक लाख का इनाम
- विज्जू पदम, उम्र 22 वर्ष, पश्चिम बस्तर डिवीजन, मिलिशिया कंपनी सदस्य, एक लाख का इनाम
- सन्नू ताती, उम्र 40 वर्ष, पश्चिम बस्तर डिवीजन, जनताना सरकार कमाण्डर सावनार, एक लाख का इनाम
"भारी संख्या में हथियार बरामद": मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने भारी संख्या में हथियार बरामद किया है. बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक इंसास राइफल और एक बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) बरामद किया गया है. इसके अलावा 10 गोले, दो 12 बोर राइफल, चार मज़ल-लोडिंग राइफल और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए हैं
प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़ दें. वें समाज की मुख्य धारा से जुडे़ अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें- सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर