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मुजफ्फरपुर लाया गया 300 ट्रक 'हजम' करने वाला सत्येंद्र सिंह, पहले भाड़े पर लेता था फिर कर देता था गायब - Truck Missing Case

Satyendra Singh Muzaffarpur Arrest : छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार बिहार के सत्येंद्र सिंह को मुजफ्फरपुर लाया गया है. उसपर आरोप है कि वह गैंग बनाकर ट्रकों को गायब कर देता है. पढ़ें पूरी खबर.

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गिरफ्त में सत्येंद्र कुमार उर्फ सत्येंद्र सिंह (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 22, 2024, 5:30 PM IST

मुजफ्फरपुर :बिहार, छत्तीसगढ़ समेत अन्य जगहों से करीब 300 ट्रक भाड़ा पर लेकर छत्तीसगढ़ व नागपुर में जाकर बेचने वाले बड़े खिलाड़ी सत्येंद्र कुमार उर्फ सत्येंद्र सिंह को मुजफ्फरपुर पुलिस रिमांड पर ले आई है. उसे छत्तीसगढ़ के दुर्ग जेल से रिमांड पर लाया गया है. कोर्ट में पेशी के बाद सत्येंद्र को मुजफ्फरपुर जेल भेज दिया गया है. बता दें कि मुजफ्फरपुर जेल में 6 माह से पटना के लोहानीपुर का मास्टर माइंड नागेंद्र सिन्हा बंद है.

भाड़ा पर लेता था ट्रक, फिर बेच डालता : जानकारी के अनुसार, सत्येंद्र को सदर पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. रिमांड पर लेने की कार्रवाई पुलिस ने शुरू कर दी है. रिमांड पर लेने के बाद ही यह राज खुल सकेगा कि बिहार में ट्रक भाड़ा पर लेकर बेचने वाले सबसे बड़े इस गैंग में और कौन-कौन शामिल हैं? मुजफ्फरपुर शहर के सदर थाना स्थित यादव नगर के सत्येंद्र कुमार व पटना के नागेंद्र कुमार के खिलाफ मुजफ्फरपुर के सदर थाना में 60, सीतामढ़ी में 18 मामले दर्ज हैं. इसके अतिरिक्त मधुबनी और सरैया थाना समेत कई स्थानों पर मामले दर्ज हैं.

GPS नहीं लगाने दिया :बताया जाता है कि सिर्फ इन तीन जिलों में 100 ट्रक गायब करने का मामला दर्ज है. ट्रक भाड़ा पर लेकर गायब करने का खेल 2022 का है. ट्रक मालिक बताते हैं कि हम लोगों को ट्रक में यह बोल कर जीपीएस नहीं लगाने दिया कि एक बड़ी कंपनी का महंगा माल लोड होगा. इसलिए उसी कंपनी का जीपीएस रहेगा. हम लोगों से एग्रीमेंट किया गया. एग्रीमेंट के बाद एकाउंट पर दो-तीन महीने पैसा भी मिला. जब पेमेंट बंद हो गया तो हम लोगों ने सत्येंद्र की तलाश शुरू की. तब जाकर छत्तीसगढ से राज खुला.

कई शातिर पुलिस की रडार पर : मुजफ्फरपुर सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने बताया कि आशंका है कि जिन लोगों ने ट्रक बेचने की प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसमें से भी कुछ इस गैंग में शामिल हैं. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है. ऐसे सारे शातिरों को चिह्नित किया गया है. ये सभी शातिर पुलिस की रडार में हैं. जल्द ही उन लोगों से भी पूछताछ की जाएगी.

''छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक FIR दर्ज की गई थी. इसमें यह बात सामने आई थी कि बिहार से जितने भी ट्रक जा रहे थे, उन सारे ट्रकों के इंजन और चेचिस नंबर चेंज कर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में डेंट पेंट कर बेचा जा रहा था. उसमें दुर्ग जिला प्रशासन के कर्मी भी शामिल थे. उन सभी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. फिलहाल सत्येंद्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने पर पुलिस को कुछ और नया खुलासा होने की उम्मीद है.''- अवधेश सरोज दीक्षित, सिटी एसपी, मुजफ्फरपुर

जेल से छूटने पर रांची में बनाया ठिकाना :इससे पहले इस खेल के दूसरे मास्टरमाइंड नागेंद्र को भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जिसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर उसे मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेश किया. तब से नागेंद्र शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में बंद है. सत्येंद्र को भी छत्तीसगढ़ पुलिस गिरफ्तार की थी. बाद में वह जमानत पर छूट गया. आरोप है कि छूटने के बाद सत्येंद्र अपना ठिकाना रांची में बनाया. फिर से वह छत्तीसगढ़ से 20 ट्रक रांची लाकर बेच दिया. इसके बाद फिर से छत्तीसगढ़ पुलिस उसको पकड़कर दुर्ग जेल में डाल दी, जहां से उसे मुजफ्फरपुर लाया गया.

'षडयंत्र कर पकड़ा गया है' :हालांकि जेल से छूटने के बाद 20 ट्रक फिर लेकर बेचने के आरोप को सत्येंद्र के परिजन खारिज कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जब वह जेल में था तो कैसे फिर से दूसरे ट्रक का एग्रीमेंट कर सकता है. षडयंत्र के तहत दूसरी बार उसको पकड़ा गया है.

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