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'कांग्रेस के DNA में किसान विरोध', क्यों याद आते हैं शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह, राज्यसभा में बरसे शिवराज चौहान - Rajya sabha

Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कांग्रेस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में किसान विरोध है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को हमेशा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह ही क्यों आते हैं.

शिवराज चौहान
शिवराज चौहान (Sansad TV)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 2, 2024, 3:49 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 5:56 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्षों तक सरकार में रही, लेकिन सिंचाई की व्यवस्थाओं पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया.

राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब सिर्फ साढ़े 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था थी, जबकि हमने (बीजेपी) इसे बढ़ाकर साढ़े 47 लाख हेक्टेयर कर दिया.

'कांग्रेस के DNA में किसान विरोध'
उन्होंने कहा, "जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल- कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी और चौसर से याद आता है." पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है. कांग्रेस की प्राथमिकताएं शुरू से ही गलत रहीं. स्व. जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और उनके दौर में देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को मजबूर होना पड़ता था.

'जबरदस्ती लेवी वसूली की गई'
शिवराज सिंह ने आगे कहा, "इंदिरा गांधी के दौर में जबरदस्ती लेवी वसूली का काम किया जाता था. हालांकि, राजीव गांधी ने एग्रीकल्चर प्राइस पॉलिसी की बात की, लेकिन उन्होंने भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई उपाय नहीं किया. इसी तरह नरसिम्हा राव की सरकार में भी कृषि से जुड़े उद्योगों की डी-लाइसेंसिंग नहीं की गई और 2004 से 2014 की क्या बात करूं, उस समय के घोटाले तो देशभर में जाने जाते थे."

सरकार की 6 प्राथमिकताएं
उन्होंने बताया कि खेती को लेकर सरकार की 6 प्राथमिकताएं हैं. इनमें उत्पादन बढ़ानाउत्पादन की लागत घटानना, प्रोडक्शन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदा में राहत की ठीक राशि देना, कृषि का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल हैं.

किसानों को स्पेशल पैकेज
कृषि मंत्री ने राज्य सभा में कहा, "वर्ष 2013-14 में फर्टिलाइजर सब्सिडी 71 हजार 280 करोड़ रुपये थी, जिसे हमने वर्ष 2023-24 में बढ़ाकर 1 लाख 95 हजार 420 करोड़ रुपये किया. हमने अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण डीएपी की बढ़ी हुई कीमतों का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया और अतिरिक्त 2625 करोड़ रुपये का स्पेशल पैकेज दिया, ताकि किसान को सस्ता फर्टिलाइजर मिल सके."

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Last Updated : Aug 2, 2024, 5:56 PM IST

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