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2028 तक मिलता रहेगा मुफ्त राशन, चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार के तीन बड़े फैसले - MODI CABINET DECISIONS

Modi Cabinet Decisions: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मोदी सरकार ने मुफ्त चावल की सप्लाई जारी रखने समेत तीन बड़े फैसले लिए हैं.

Union cabinet approved the continuation of supply of free Fortified Rice PMGKAY
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2024, 3:41 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 3:51 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गरीबों को मुफ्त चावल की आपूर्ति जारी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएमजीकेएवाई और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दे दी.

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गरीबों को मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति से एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी कम होगी. उन्होंने कहा कि इस पर कुल 17,082 करोड़ रुपये व्यय होंगे और पूरा वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा.

सरकार यह प्रयास देश भर में चावल फोर्टिफिकेशन के लिए एक एकीकृत प्रणाली सुनिश्चित करता है, जिससे लगभग 80 करोड़ नागरिकों को लाभ पहुंच रहा है.

सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया है. इसको ध्यान में रखते हुए आज कैबिनेट ने राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में 4,406 करोड़ रुपये के निवेश से 2,280 किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी दी.

इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना, यात्रा में सुधार करना और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के साथ बेहतर संपर्क सुनिश्चित करना है. यह सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतर सड़कों, दूरसंचार संपर्क, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा सुविधाओं के साथ जीवंत गांवों में बदलने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.

गुजरात में बनेगा राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर
वैष्णव ने कहा कि गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) विकसित किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना और दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत परिसर बनाना है.

बयान में कहा गया है कि एनएमएचसी का विकास दो चरणों में पूरा किया जाएगा. चरण 1A का विकास 1,238.05 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा, जिसमें प्रमुख बंदरगाहों, रक्षा मंत्रालय (भारतीय नौसेना) और संस्कृति मंत्रालय का योगदान होगा.

कैबिनेट ने चरण 1B और चरण 2 के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसके लिए स्वैच्छिक संसाधनों से धन जुटाया जाएगा. चरण 1B में 266.11 करोड़ रुपये की लागत से लाइट हाउस म्यूजियम का निर्माण शामिल है, जिसके लिए फंडिंग लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय द्वारा की जाएगी.

परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद
बयान के मुताबिक इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है और इससे स्थानीय लोगों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण समूहों और व्यवसायों को लाभ होगा.

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Last Updated : Oct 9, 2024, 3:51 PM IST

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