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केरल: वायनाड में कई भूस्खलन, 125 लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, दो दिन का राजकीय शोक - Massive landslides In Kerala

Massive landslides In Kerala several dead injured: केरल के वायनाड में भारी बारिश के बीच भूस्खलन की वजह से अब तक 125 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. जबकि कई लोग घायल हैं. वहीं कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. राहत-बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि 118 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

Massive landslides In Kerala
भारी भूस्खलन (ETV Bharat Kerala Desk)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 8:13 AM IST

Updated : Jul 30, 2024, 3:40 PM IST

भीषण भूस्खलन (ETV Bharat Kerala Desk)

वायनाड : केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के कई भीषण भूस्खलन हुए. इस आपदा में 7 बच्चों समते 125 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई लोगों के घायल होने की खबर है जबकि अभी भी कई अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. इस बीच वायनाड जिले में भारी बारिश जारी है. ताजा जानकारी के मुताबिक केरल सरकार ने विनाशकारी भूस्खलन के बाद आज मंगलवार और कल बुधवार को राज्य में आधिकारिक शोक की घोषणा की है. केरल राजस्व मंत्री का कार्यालय के मुताबिक, वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है. अब तक कुल 116 लोगों के घायल होने की सूचना है.

भीषण भूस्खलन (ETV Bharat Kerala Desk)

मंगलवार की सुबह चूरामला अट्टाकाई मुंडाकाई इलाकों में भूस्खलन हुआ. पहला भूस्खलन रात 1.30 बजे हुआ और दूसरा बड़ा भूस्खलन सुबह 4 बजे हुआ. आठ घंटे बीत जाने के बाद भी बचावकर्मी अट्टामाला और मुंडाकाई के पहाड़ी इलाकों तक नहीं पहुंच पाए हैं. अब अट्टामाला, चूरामला और मुंडाकाई में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि घर और स्कूल नष्ट हो गए हैं. घरों में पानी और कीचड़ भर गया है. 400 से अधिक लोग फंस गए हैं. चूरामला शहर का पुल ढह गया. नीलांबुर के पोथुकल के पास चलियार नदी से 14 शव बरामद किए गए.

मुंडकाई और अट्टा माला इलाकों को जोड़ने वाला चूरलमाला पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया. इलाके के कई परिवारों को पिछले दिन सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया गया. अभी भी इन पहाड़ियों में फंसे परिवार हैं. मुंडकाई ट्री वैली रिसॉर्ट में 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं.

वायुसेना, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के चिकित्सा विशेषज्ञों सहित एक बड़ी टीम आपदा क्षेत्र में पहुंच रही है लेकिन खराब मौसम की वजह से सैन्य हेलीकॉप्टरों को वायनाड में उतरने के बजाय कोझिकोड की ओर मोड़ दिया गया. मलप्पुरम जिले के पोथुकल्लू के पास दूर के स्थान से 14 शव बरामद किए गए.

भूस्खलन और प्राकृतिक आपदा वायनाड के लिए कोई नई बात नहीं हैं. जब बारिश तेज होती है तो वायनाड के निवासी डर के साये में आ जाते हैं. अगस्त 2019 में वायनाड जिले में भीषण भूस्खलन हुआ था.

एनडीआरएफ और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंच गई है. भूस्खलन ने तीन गांवों में तबाही मचा दी. कई घर नष्ट हो गए हैं, जलस्रोत उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 23 शव बरामद किए जाने की पुष्टि की हैं. उन्हें विभिन्न अस्पतालों के मॉर्चरी में रखा गया है. मृतकों में कम से कम तीन बच्चे शामिल हैं.

राहत-बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है. इस हादसे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से बात की और उन्हें भूस्खलन प्रभावित केरल के वायनाड में सहायता और बचाव के लिए सेना को तैनात करने को कहा. वैसे सेना की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं.

जिला अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं. ये वर्तमान में भूस्खलन के कारण अलग-थलग हैं. मुख्यमंत्री ने राहत -बचाव प्रयासों को बढ़ाने के लिए दो वायु सेना के हेलीकॉप्टर सुलूर से वायनाड भेजने के लिए कहा है.

आज तड़के मुंडकाई कस्बे में भूस्खलन हुआ. फिर करीब 4.10 बजे कलपट्टा में भी भूस्खलन हुआ. बताया जा रहा है कि कई परिवार इसमें दब गए. भूस्खलन से वैथिरी तालुक, वेल्लरीमाला गांव, मेप्पाडी पंचायत प्रभावित हैं. चूरलमाला से मुंडकाई तक की सड़क बह गई.

जानकारी के अनुसार चूरलमाला कस्बे में भी भारी नुकसान पहुंचा है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्र में अग्निशमन और एनडीआरएफ की कई टीम तैनात की गई है. साथ ही एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम वायनाड के लिए रवाना की गई है.

केएसडीएमए द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक पोस्ट के अनुसार, कन्नूर डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स की दो टीमों को भी बचाव प्रयासों में सहायता के लिए वायनाड जाने का निर्देश दिया गया. प्रभावित क्षेत्रों के स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. भारी बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है.

101 लोगों को बचाया गया

केरल के राजस्व मंत्री के राजन का कार्यालय के अनुसार एनडीआरएफ (NDRF), अग्निशमन, पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पहुंच गई है. अब तक करीब 101 लोगों को बचाया गया है. कलपेट्टा के बाथरी सेंट मैरी एसकेएमजे स्कूल में आश्रय शिविर बनाया गया है. कई मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौजूद हैं और भोजन और कपड़ों का भी इंतजाम किया गया है. मिट्टी खोदने वाली मशीनों की जरूरत है.

ड्रोन और डॉग स्क्वायड तैनात

मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश के अनुसार खोज और बचाव प्रयासों के लिए पुलिस ड्रोन और डॉग स्क्वायड को तैनात किया जाएगा. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्यों और संबंधित गतिविधियों के लिए वायनाड में सेना के इंजीनियरिंग समूह को तत्काल तैनात किया जाएगा. पुल ढहने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने के लिए बेंगलुरु से मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप (एमईजी) पहुंचेगा.

सीएम ने बचाव कार्यों को तेज करने करने के निर्देश दिए

सीएम पिनाराई विजयन ने विनाशकारी भूस्खलन के बाद वायनाड में बचाव कार्यों को तेज समन्वित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने घोषणा की कि पूरा सरकारी तंत्र प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है. मंत्री अभियान की निगरानी और समन्वय कर रहे हैं. केरल सीएमओ कार्यालय के अनुसार वायनाड चूरलमाला में बचाव अभियान में अग्निशमन एवं बचाव, नागरिक सुरक्षा, एनडीआरएफ और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के 250 सदस्य शामिल हैं. एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है.

दो हेल्पलाइन नंबर जारी

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, 'वायनाड भूस्खलन के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष खोला और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए हैं . वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पाडी और मनंतवडी अस्पताल समेत सभी अस्पताल तैयार हैं. रात में ही सभी स्वास्थ्यकर्मी सेवा के लिए पहुंच गए थे. वायनाड में स्वास्थ्यकर्मियों की और टीमें तैनात की जाएंगी.

यूडीएफ विधायक टी सिद्दीकी ने बताया कि मुंडक्कई क्षेत्र से लोगों को हवाई मार्ग से निकालने की योजना चल रही है, जहां पहुंच अभी भी गंभीर रूप से प्रतिबंधित है. उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण हताहतों और लापता लोगों की पूरी संख्या अभी भी अज्ञात है, जिससे बचाव अभियान जटिल हो रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की सिफारिश की

वायनाड में भूस्खलन के बाद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने चल रही व्यवस्थाओं का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग निदेशालय का दौरा किया. उन्होंने स्थिति का विस्तृत विवरण दिया और प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध अस्पताल के बिस्तरों की सटीक ट्रैकिंग के निर्देश दिए. मंत्री जॉर्ज ने जरूरत पड़ने पर अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की सिफारिश की और मोबाइल शवगृहों के उपयोग सहित मौजूदा अस्पतालों में शवगृह प्रणालियों का मूल्यांकन करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने नियंत्रण कक्ष के संचालन की भी समीक्षा की. स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता दोनों की सहायता के लिए 24/7 काम करेगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संवेदना व्यक्त की

राष्ट्रपति ने एक्स पर कहा, 'केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में लोगों की मौत से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और बचाव कार्यों की सफलता के लिए प्रार्थना करती हूं.'

पीएम राहत कोष से अनुग्रह राशि देने की घोषणा

प्रधानमंत्री ने वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं. प्रभावित सभी लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है. केरल के सीएम पिनाराई विजयन से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.'

एनडीआरएफ डीजी पीयूष आनंद के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम वायनाड भूस्खलन स्थल पर पहुंच गई. तीन और टीमें रास्ते में हैं. अब तक, उन्होंने 74 लोगों को निकाला है, 16 शव बरामद किए हैं और एक व्यक्ति को जीवित बचाया है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने संवेदना व्यक्त की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहएक्स पर कहा,'केरल के वायनाड में भूस्खलन की घटनाओं से मैं बहुत चिंतित हूं. एनडीआरएफ युद्ध स्तर पर खोज और बचाव अभियान चला रहा है. दूसरी टीम प्रतिक्रिया अभियान को और मजबूत करने के लिए रवाना हो गई है. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.'

पीयूष गोयल संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की

वायनाड भूस्खलन पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'प्राकृतिक आपदा के कारण वायनाड में बहुत नुकसान हुआ है. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. पीएम मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री से बात की और केंद्र सरकार केरल के लोगों के साथ है. केंद्र सरकार जो भी सहायता आवश्यक होगी, वह प्रदान करेगी.

राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, 'केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण हुई बहुमूल्य जानों की हानि से मैं बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. मैं सभी की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं.'

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संवेदना व्यक्त की

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आपदा में मारे गए लोगों के परिवारवालों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होने कहा, 'हमारी संवेदनाएं उन सभी परिवारों के साथ हैं. मुझे बताया गया है कि भारी बारिश के कारण अभी तक हमारी टीमें भूस्खलन स्थल तक नहीं पहुंच पाई हैं और नदी ने अपना रास्ता बदल लिया है.'

राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री से हालात का जायजा लिया

लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मैं वायनाड में मेप्पाडी के पास हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन से बहुत दुखी हूं. मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव अभियान जारी है. मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है. मैं केंद्रीय मंत्रियों से बात करूंगा और उनसे वायनाड को हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध करूंगा. मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं.'

कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला की प्रतिक्रिया

तिरुवनंतपुरम में केरल कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, 'यह बहुत दुखद घटना है. यह हादसा रात 3 बजे वायनाड में हुआ. मुझे बताया गया कि वहां और भी लोग हताहत हुए हैं. बचाव अभियान जारी है. मैंने वहां के विधायक और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं, जिला प्रशासन से भी बात की. वे उस क्षेत्र से लोगों को बचाने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस क्षेत्र में कोई कनेक्टिविटी नहीं है. इसलिए पुलिस, जिला प्रशासन, हर कोई फंसे हुए लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. इन शोक संतप्त परिवारों को राहत देने के लिए सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर होना चाहिए.'

स्टालिन ने 5 करोड़ रुपये जारी किया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मुख्यमंत्री सामान्य कोष से तमिलनाडु सरकार से केरल सरकार को राहत उपायों के लिए 5 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया. तमिलनाडु से संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में अग्निशमन विभाग के 20 लोग, पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 20 लोग, 10 डॉक्टरों और नर्सों वाली एक चिकित्सा टीम आज ही केरल पहुंच रही है.

स्टालिन ने वायनाड में भूस्खलन की स्थिति के बारे में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से टेलीफोन पर बातचीत की. एमके स्टालिन ने भूस्खलन में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और तमिलनाडु सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने केरल सरकार की सहायता के लिए दो आईएएस कैडर के नेतृत्व में एक बचाव दल बनाने का भी आदेश दिया और वे तुरंत केरल पहुंच रहे हैं.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने संवेदना व्यक्त की

दिल्ली में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, 'जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है. यह एक दुखद घटना है. केरल और कर्नाटक में भूस्खलन और भीषण बाढ़ के लिए हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन कलेक्टर से बात की. दुख की इस घड़ी में हम सभी केरल के लोगों के साथ खड़े हैं.'

केरल भूस्खलन के लिए अतिसंवेदनशील क्यों है?

भूस्खलन कई कारणों से होता है जिसमें प्रमुख कारण ढलान का टूटना, भारी बारिश, मिट्टी की गहराई, भूकंप और मानवजनित गतिविधियां. मानवीय कारणों में ढलान की ढलान पर भार, ढलान के निचले हिस्से में खुदाई, वनों की कटाई, उत्खनन, खनन और भूमि उपयोग पैटर्न शामिल हैं. सुरंग के कटाव या मिट्टी की पाइपिंग के कारण भूमि का धंसना एक धीमा खतरा है जो हाल ही में पहाड़ी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है.

केरल प्राकृतिक आपदाओं और बदलते जलवायु गतिशीलता के लिए अत्यधिक संवेदनशील राज्य है. इसका कारण यह समुद्र तट के साथ. इसके अलावा पश्चिमी घाट की ढलानों के साथ एक खड़ी ढलान के साथ स्थित है. केरल सबसे घनी आबादी वाले भारतीय राज्यों में से एक है (प्रति वर्ग किलोमीटर 860 व्यक्ति) जो इसे आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान और हानि के लिए और भी अधिक संवेदनशील बनाता है. बदलती जलवायु परिस्थितियां, प्राकृतिक संसाधनों का असंतुलित दोहन, आपदा जोखिमों के बारे में जागरूकता की कमी, केंद्रीय एजेंसियों और राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा उपायों की कमी है.

राज्यवार प्रमुख भूस्खलन की घटनाएं

राज्य - - भूस्खलन की संख्या - - कुल घटनाओं का प्रतिशत

अरुणाचल प्रदेश- - 48 - - 1.27

असम- - 169 - - 4.47

मेघालय - - 48 - - 1.27

मिजोरम- - 15- - 0.40

त्रिपुरा- - 10-- 0.26

मणिपुर - - 21 - - 0.56

नागालैंड - - 36 -- 0.95

सिक्किम- - 31 - - 0.82

भूस्खलन से मौतें

वर्ष- - केरल - - भारत

2022- - 16 - - 269

2021- - 03 - - 380

2020 - - 70 - - 295

2019 - - 72 - - 264

2018 - - 135 - - 404

2017 - - 05 - - 231

2016 - - 08 - - 210

2015 - - 04 - - 232

2014 - - 01 - - 499

2013 - - 18 - - 264

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Last Updated : Jul 30, 2024, 3:40 PM IST

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