इंफाल :मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा.
बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही भाजपा सांसद संबित पात्रा के अलावा मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. इस निर्णय से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें पार्टी हाईकमान से बात करने के बाद नया नेता चुना जाएगा.
भाजपा नेता बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, "अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है. मैं केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं. उन्होंने समय पर कार्रवाई की, मदद की और विकास के काम किए. साथ ही बीरेन सिंह ने लिखा कि हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए कई परियोजनाएं भी चलाईं. मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इसी तरह काम करती रहे."
वहीं राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार का गठन होने तक जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिया है. ऐसे में एन. बीरेन सिंह मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री को रूप में काम करेंगे. गौरतलब है कि कल यानी 10 फरवरी 2025 से मणिपुर विधानसभा का सत्र शुरू होना था. वहीं विपक्ष मणिपुर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में था. कांग्रेस ने कहा कि एन बीरेन सिंह को दो साल पहले ही बर्खास्त किया जाना चाहिए था. इस संबंध में कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने कहा, "देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. मणिपुर में विधायकों की अंतरात्मा जागी है. उन्होंने मजबूरी में इस्तीफा दिया है."
बता दें कि मणिपुर में हिंसा काफी लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ था. राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव बढ़ने की वजह से कई बार हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. वहीं हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच काफी समय से जमीन, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद चल रहा है.
भाजपा विधायक कर रहे बीरेन सिंह के कामकाज का विरोध
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात की चिंता है कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कई भाजपा विधायक बीरेन सिंह के कामकाज का विरोध कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली पहुंचे चार कैबिनेट मंत्रियों में थे. 2023 में जब भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखी, तो बिस्वजीत सीएम पद के दावेदार थे. मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष थोकचम सत्यब्रत सिंह ने भी शाह से मुलाकात की.