सातारा: सरकारी नौकरी का झांसा देकर युवाओं से 90 लाख रुपये की ठगी करने वाले फर्जी आईपीएस अधिकारी मामले का सातारा - हैदराबाद कनेक्शन सामने आया है. फर्जी आईपीएस अधिकारी श्रीकांत विलास पवार के लिए फर्जी आई-कार्ड बनवाने वाले संदिग्ध को हैदराबाद के बहादुरपुरा इलाके से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ई-सेवा केंद्र संचालक बताया जा रहा है.
पुलिस जांच में पता चला कि, हैदराबाद में ई-सेवा केंद्र चलाने वाले अजीमुद्दीन नईमुद्दीन खान ने महज 500 रुपये में फर्जी आईपीएस आई-कार्ड बनवाए थे. उसके बाद कराड पुलिस की एक टीम हैदराबाद गई और संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया. मामले में संदिग्ध आरोपी को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया. फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में है.
खबर के मुताबिक, फर्जी आईपीएस अधिकारी श्रीकांत पवार ने 13 युवाओं से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 90 लाख रुपये की ठगी की. पुलिस को लगातार छका रहे आरोपी को 25 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी दो लाख का मोबाइल फोन, एक लाख की घड़ी, दस हजार के जूते, ताज-ओबेरॉय जैसे आलीशान होटलों में रहकर ऐशो-आराम की जिंदगी जीता था. इनोवा कार में एम्बर लैंप, अंग्रेजी की किताबें, वर्दी और डायरी भी रखता था. आरोपी स्टेडियम और खेल परिसरों के मैदान में प्रैक्टिस करने वाले युवाओं को पुलिस बल और सेना में भर्ती होने का झांसा देता था.
वह सरकारी नौकरी का लालच देने के लिए खुद को आईपीएस अधिकारी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) बताकर युवाओं को फंसाता था. फर्जी अधिकारी इतना शातिर था कि, युवा भी उसकी जाल में फंस जाते थे और नौकरी के लिए पैसे दे देते थे.
नौकरी दिलाने के लिए युवाओं से लिए पैसों से फर्जी आईपीएस अधिकारी का जाल
फर्जी आईपीएस अधिकारी ने नौकरी दिलाने के लिए युवाओं से लिए पैसों से दो लाख का मोबाइल फोन, एक लाख की एप्पल घड़ी और दस हजार के जूते जैसे महंगे सामान खरीदे. वह ताज, ओबेरॉय जैसे पांच सितारा होटलों में ठहरता था और यहीं से मीटिंग करके युवाओं को प्रभावित करता था. फर्जी आईपीएस अधिकारी ने पुणे से इनोवा कार भी किराए पर ली थी.
यह स्पष्ट है कि इस जालसाज ने युवाओं से वसूले गए पैसे को अपनी मर्जी से उड़ा दिए. यह जालसाज दो बार यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ था लेकिन दोनों बार फेल हो गया. हालांकि, उसने यूपीएससी पास होने का नाटक करके सम्मान समारोह में भाग लिया था. खबर के मुताबिक, उसके खिलाफ पुणे में मामला दर्ज किया गया था.
इससे पहले सोलापुर जिले में भी आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें मिली थी. चौंकाने वाली बात यह है कि, उसने नौकरी लगाने की प्रक्रिया शुरू होने का नाटक करने के लिए राज्य सरकार और पुलिस बल के नाम से एक फर्जी ई-मेल आईडी बनाई थी.
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