महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव: 11 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला, दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल - Maharashtra council Election - MAHARASHTRA COUNCIL ELECTION
Maharashtra Council Polls: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को संपन्न हो गया. 11 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव शाम 4 बजे तक चले. यह चुनाव इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले का है, लिहाजा यह महा विकास अघाड़ी और एनडीए गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.
मुंबई:महाराष्ट्र में 11 परिषद सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव दक्षिण मुंबई में विधान भवन परिसर में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चला. यह चुनाव महाराष्ट्र के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी ने जिस तरीके से एनडीए को हराया, उससे वहां पर राजनीतिक बेचैनी बढ़ी हुई है. राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन की 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां विधान सभा के 274 मौजूदा सदस्य निर्वाचक मंडल का गठन करते हैं.
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र (ANI)
शुक्रवार को सुबह उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी विधायक मुंबई के उपनगर में अपने होटल से निकले और वोट डालने के लिए विधान भवन परिसर पहुंचने के लिए एक निजी बस में सवार हुए. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार रात शहर के एक होटल में भाजपा विधायकों को संबोधित किया, जहां मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे.
देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र (ANI)
नेताओं ने विधायकों से परिषद चुनावों को हल्के में न लेने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी वोट अवैध न हो. विधान परिषद के ग्यारह सदस्य (एमएलसी) 27 जुलाई को अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. 288 सदस्यीय विधान सभा चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल है और इसकी वर्तमान स्ट्रैंथ 274 है.
नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, महाराष्ट्र (ANI)
प्रत्येक जीतने वाले उम्मीदवार को 23 प्रथम वरीयता के वोटों के कोटे की आवश्यकता होगी. विधानसभा में भाजपा 103 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना (38), एनसीपी (42), कांग्रेस (37), शिवसेना (यूबीटी) 15 और एनसीपी (एसपी) 10 हैं.
अजित पवार, एनसीपी नेता (ANI)
निचले सदन में मौजूद अन्य पार्टियों में बहुजन विकास अघाड़ी (3), समाजवादी पार्टी (2), एआईएमआईएम (2), प्रहार जनशक्ति पार्टी (2), एमएनएस, सीपीआई (एम), स्वाभिमानी पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी, आरएसपी, क्रांतिकारी शेतकरी पक्ष और पीडब्ल्यूपी (एक-एक) शामिल हैं. इसके अलावा, 13 निर्दलीय विधायक हैं. भाजपा ने पांच उम्मीदवार पंकजा मुंडे, योगेश तिलेकर, परिणय फुके, अमित गोरखे सदाभाऊ खोत और उसकी सहयोगी शिवसेना के दो पूर्व लोकसभा सांसद कृपाल तुमाने और भावना गवली को मैदान में उतारा है.
महायुति के एक अन्य सहयोगी एनसीपी ने शिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर को टिकट दिया है. कांग्रेस ने एक और कार्यकाल के लिए प्रज्ञा सातव को फिर से नामांकित किया है, जबकि महा विकास अघाड़ी के उसके सहयोगी सेना (यूबीटी) ने पार्टी अध्यक्ष ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारा है.
एमवीए के तीसरे घटक एनसीपी (एसपी) ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है और इसके बजाय पीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल को समर्थन दिया है. कांग्रेस के पास अतिरिक्त वोट हैं क्योंकि उसने केवल एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.
सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी एमवीए दोनों गुटों में क्रॉस-वोटिंग की आशंकाएं व्याप्त हैं. एमवीए के पास तीसरे उम्मीदवार को निर्वाचित कराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन महायुति के दोनों घटक एनसीपी और शिवसेना के कुछ विधायकों से क्रॉस-वोटिंग की उम्मीद है. पिछले कुछ दिनों में, एनसीपी (एसपी) ने दावा किया है कि अजीत पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे के कुछ विधायक संभावित वापसी के लिए विपक्षी पार्टी के संपर्क में हैं.