श्रीनगर: लोकसभा चुनाव के मतदान तिथियों के पास आने के साथ ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. वहीं लोगों में चुनाव भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू की है. इसी कड़ी में नुक्कड़ नाटक के जरिए मतदाताओं को जागरूक किया गया.
बता दें कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की आबादी के बीच मतदाता भागीदारी को बढ़ाने के लिए श्रीनगर के जिला चुनाव अधिकारी (DEO) डॉ. बिलाल अहमद ने जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अभिनव पहल की एक श्रृंखला शुरू की. इसके तहत घंटा घर (क्लॉक टॉवर) में नुक्कड़ नाटक के जरिये नागरिक भागीदारी और लोकतांत्रिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया गया. इस दौरान डॉ. बिलाल अहमद ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आकार देने में मतदान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने चुनावी मामलों में समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया.
उन्होंने कहा कि मतदान केवल एक अधिकार नहीं है बल्कि एक जिम्मेदारी है जो नागरिकों को अपने राष्ट्र के भविष्य को आकार देने के लिए सशक्त बनाता है. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान का एक केंद्र बिंदु नुक्कड़ नाटक था, जिसका उद्देश्य राहगीरों का ध्यान आकर्षित करना और अपने मतदान अधिकारों के प्रयोग के महत्व के बारे में एक मार्मिक संदेश देना था. डीईओ श्रीनगर ने समुदाय के साथ जुड़ने और चुनावी भागीदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने में ऐसे रचनात्मक प्रयासों की प्रभावशीलता पर जोर दिया.
इसके अलावा मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (एसवीईईपी) अभियान के हिस्से के रूप में अतिरिक्त नुक्कड़ नाटक और इंटरैक्टिव कार्यक्रमों के साथ-साथ संगीत कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई. इन आयोजनों को रणनीतिक रूप से विविध जनसांख्यिकी के साथ जुड़ने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तैयार किया गया है. डॉ. बिलाल ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदाता जागरूकता का संदेश जिले के हर कोने तक पहुंचे, हम नवीन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने पात्र नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की चुनावी प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई. डॉ. बिलाल अहमद ने समुदाय के नेताओं, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज संगठनों से मतदाता जागरूकता अभियान के आउटरीच प्रयासों को बढ़ाने में मिलकर सहयोग करने का आग्रह किया.
ये भी पढ़ें - फारूक अब्दुल्ला के चुनाव न लड़ने पर बेटे उमर ने कहा- 'यह उनके करियर का अंत नहीं'