हैदराबाद: देश में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों चुनाव होने हैं. 21 राज्यों की 102 सीटों पर पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होगा. चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. लोकतंत्र के इस महापर्व में लगभग 1 अरब भारतीय मतदाता मतदान करने के पात्र होंगे. वहीं जनमत सर्वेक्षणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान जीत की भविष्यवाणी की गई है. भाजपा को लगता है कि इस बार के 'महासमर' में अच्छे रिकॉर्ड मत से तीसरी बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होने वाले चुनाव के कुछ बड़े मुद्दे भी हैं. अब देखना है कि, क्या बीजेपी अपनी उपलब्धियों और पीएम मोदी के नाम पर 2024 के महासमर में विपक्ष को चुनावी पटखनी देने में कामयाब हो पाएगी?
भाजपा सरकार में आर्थिक विकास, मुद्रास्फीति
31 मार्च को समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 8 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जो प्रमुख देशों के मुकाबले सबसे तेज़ है. पिछले एक दशक में मोदी के नेतृत्व में, भारतीय अर्थव्यवस्था छलांग लगाकर दुनिया में पांचवें नंबर पर पहुंच गई है. मोदी सरकार ने जनता को गारंटी दी है कि, अगर वे तीसरी बार सत्ता में आते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे नंबर की हो जाएगी. मोदी युग के मुख्य आकर्षण की बात करें तो, देश भर में चमचमाती सड़कें और पुल हैं. इनमें दो प्रमुख शहर नई दिल्ली, मुंबई और अन्य कई शहर भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार में देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का असर ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों में अधिक दिखाई देती है. वहीं बीजेपी सरकार के लिए कीमतों में वृद्धि भी चिंता का विषय रही है. तुलना करें तो, 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.5 से बढ़कर 6.7 फीसदी हो गई. यही एक साल पहले 6.2 प्रतिशत थी. फरवरी महीने में वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति 5.09 प्रतिशत रही.
बीजेपी सरकार की कल्याण नीतियां
COVID-19 महामारी के बाद से, सरकार भारत के 1.42 बिलियन लोगों में से 814 मिलियन लोगों को मुफ्त भोजन राशन दे रही है. वहीं इस विषय पर कुछ आलोचकों का कहना है कि मोदी सरकार को भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी को मुफ्त अनाज देने की आवश्यकता है, जो देश में असमान आर्थिक विकास का संकेत है. अनुसंधान समूह वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब (World Inequality Lab.) के एक अध्ययन के अनुसार, पिछले साल के अंत तक, भारत के सबसे अमीर नागरिकों के पास इसकी संपत्ति का 40.1 प्रतिशत हिस्सा था, जो 1961 के बाद से सबसे अधिक है, और कुल आय में उनकी हिस्सेदारी 22.6 फीसदी थी, जो 1922 के बाद से सबसे अधिक है. मोदी सरकार ने अपनी कुशल नीतियों को बढ़ावा देते हुए महिलाओं पर अधिक फोकस किया. भाजपा ने महिला मतदाताओं के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करके उनका दिल जीतने की कोशिश की है. जिसमें नकद वितरण, पाइप से पानी , सप्ताप में 24 घंटे बिजली और रसोई गैस कनेक्शन जैसे घरेलु लाभ शामिल हैं.
हिंदू और राष्ट्रवादी राजनीति
भारतीय जनता पार्टी अपनी हिंदू-राष्ट्रवादी के 35 साल पुराने वादे को पूरा करते हुए अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराई और भव्य राम मंदिर निर्माण का नेतृत्व किया. 1992 में भीड़ ने अयोध्या में उस स्थान पर 16वीं सदी की एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया, जिसके बारे में कई हिंदुओं का मानना है कि मस्जिद को मुगल शासक बाबर के समय ध्वस्त मंदिर के ऊपर बनाया गया था. बीजेपी ने कभी हिंदुत्व के एजेंडे को नहीं छोड़ा, जिसका असर आज देखने को मिल रहा है. साथ ही पीएम मोदी समय-समय पर देश भर के हिंदू मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करते नजर आते हैं. जिसे समाचार चैनलों पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाता है. इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, मोदी को बहुसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ करने में महारत हासिल है. जिसका अनुमान भाजपा के लगातार बढ़ते कद से लगाया जा सकता है. 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का कद तेजी से बढ़ता जा रहा है और यही भाजपा का मुख्य समर्थन का आधार है. वहीं, देश में कई मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने मोदी सरकार पर समुदाय के हित के खिलाफ जाकर नीतियां लागू करने का आरोप भी लगाया है. हालांकि, बीजेपी मुसलमानों का समर्थन हासिल करने वाली विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि मोदी सरकार सभी के हितों के लिए काम करती है. बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति से दूर रहती है.