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लोकसभा चुनाव: कांग्रेस ने संयुक्त रैलियों की बनाई योजना, 19 अप्रैल के मतदान के लिए होगा प्रचार - Cong Plans Joint Rallies With SP

Congress Plans Joint Rallies: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भाजपा-रालोद गठबंधन का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रैलियों की योजना बनाई है, जहां जाट किसानों में नाराजगी है. पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, सपा नेताओं के साथ 13 अप्रैल से प्रचार अभियान में उतरेंगे.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 6, 2024, 2:56 PM IST

Congress plans joint rallies with SP for UP phase 1 polls April 19.
कांग्रेस ने संयुक्त रैलियों की सपा साथ योजना बनाई.

नई दिल्ली:कांग्रेस उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भाजपा-रालोद गठबंधन का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ संयुक्त रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी वरिष्ठ नेता और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रैलियों के आयोजन पर विचार कर रही है. ये रैलियां कैराना, बिजनौर, मुरादाबाद, नगीना (एससी), रामपुर और पीलीभीत के साथ सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में आयोजित होंगी. इन निवार्चन क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा.

पार्टी ने कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा को दोनों सीटों पर संयुक्त रैलियों के लिए सपा नेताओं के साथ समन्वय करने का काम सौंपा है. पहले चरण की 8 सीटों में से कांग्रेस केवल सहारनपुर से चुनाव लड़ रही है, जहां एक मजबूत उम्मीदवार इमरान मसूद को मैदान में उतारा गया है. वहीं, शेष 7 सीटों पर सपा चुनाव लड़ रही है.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने ईटीवी भारत को बताया, 'संयुक्त रैलियों से गठबंधन को मदद मिलेगी और हमारे अभियान को और ताकत मिलेगी'.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस शुभ समय का इंतजार कर रही है. 10 अप्रैल के बाद चुनावी रैलियां शुरू करेगी. संयुक्त रैलियां उस सहयोग का हिस्सा हैं, जो कांग्रेस और सपा भाजपा-रालोद गठबंधन का मुकाबला करने के लिए एक-दूसरे को दे रहे हैं.

रालोद का यूपी के पश्चिमी हिस्सों में मजबूत समर्थन आधार है. उसने पहले सपा से हाथ मिलाया था, जिसने उसे 7 सीटें दी थीं. लेकिन बाद में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने सिर्फ 2 सीटों के बदले बीजेपी के साथ काम करने का फैसला किया.

बीजेपी यूपी के पश्चिमी हिस्सों में जाट किसानों की बेचैनी का मुकाबला करने के लिए आरएलडी पर भरोसा कर रही है, जो इस क्षेत्र में प्रभुत्व रखते हैं. पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने 3 सीटें कैराना, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत जीती थीं, जबकि एसपी-बीएसपी गठबंधन ने 5 सीटें जीती थीं. सपा ने मुरादाबाद और रामपुर में जीत हासिल की थी, जबकि बसपा को सहारनपुर, बिजनौर और नगीना में जीत मिली थी.

सहारनपुर से उम्मीदवार इमरान मसूद पिछले साल बसपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2014 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने इन 8 सीटों में से 7 सीटें जीती थीं और 2024 में परिणाम दोहराने के लिए सभी प्रयास कर रही है. कांग्रेस-सपा भी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए दृढ़ है.

नरवाल ने कहा, 'हमारा गठबंधन पश्चिमी क्षेत्रों में मजबूत है और अच्छा प्रदर्शन करेगा. मतदाता भाजपा से नाराज हैं और बसपा कमजोर हो गई है. जहां कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं की अपील पर भरोसा कर रही है. वहीं अनुभवी सपा नेता आजम खान, जिनका क्षेत्र में काफी प्रभाव है, प्रचार नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह जेल की सजा काट रहे हैं'.

यूपी के अलावा, कांग्रेस प्रबंधक महाराष्ट्र में भी शीर्ष तीन नेताओं को तैनात करने पर भी विचार कर रहे हैं, जहां कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपी-एसपी, सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन का मुकाबला करने की योजना बना रही है.

पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी 13 अप्रैल को भंडारा-गोंदिया सीट पर, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे 14 अप्रैल को रामटेक सीट पर और प्रियंका गांधी वाड्रा 15 अप्रैल को चंद्रपुर में प्रचार करेंगी. यहां से कांग्रेस ने प्रतिभा धानोरकर को मैदान में उतारा है.

रामटेक में पार्टी ने श्यामराव बर्वे को उनकी पत्नी रश्मी बर्वे का जाति प्रमाणपत्र अमान्य होने के बाद मैदान में उतारा है. भंडारा गोंदिया में पार्टी ने प्रशांत पंडोले को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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