नई दिल्ली:कांग्रेस उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भाजपा-रालोद गठबंधन का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ संयुक्त रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी वरिष्ठ नेता और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रैलियों के आयोजन पर विचार कर रही है. ये रैलियां कैराना, बिजनौर, मुरादाबाद, नगीना (एससी), रामपुर और पीलीभीत के साथ सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में आयोजित होंगी. इन निवार्चन क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा.
पार्टी ने कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा को दोनों सीटों पर संयुक्त रैलियों के लिए सपा नेताओं के साथ समन्वय करने का काम सौंपा है. पहले चरण की 8 सीटों में से कांग्रेस केवल सहारनपुर से चुनाव लड़ रही है, जहां एक मजबूत उम्मीदवार इमरान मसूद को मैदान में उतारा गया है. वहीं, शेष 7 सीटों पर सपा चुनाव लड़ रही है.
यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने ईटीवी भारत को बताया, 'संयुक्त रैलियों से गठबंधन को मदद मिलेगी और हमारे अभियान को और ताकत मिलेगी'.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस शुभ समय का इंतजार कर रही है. 10 अप्रैल के बाद चुनावी रैलियां शुरू करेगी. संयुक्त रैलियां उस सहयोग का हिस्सा हैं, जो कांग्रेस और सपा भाजपा-रालोद गठबंधन का मुकाबला करने के लिए एक-दूसरे को दे रहे हैं.
रालोद का यूपी के पश्चिमी हिस्सों में मजबूत समर्थन आधार है. उसने पहले सपा से हाथ मिलाया था, जिसने उसे 7 सीटें दी थीं. लेकिन बाद में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने सिर्फ 2 सीटों के बदले बीजेपी के साथ काम करने का फैसला किया.
बीजेपी यूपी के पश्चिमी हिस्सों में जाट किसानों की बेचैनी का मुकाबला करने के लिए आरएलडी पर भरोसा कर रही है, जो इस क्षेत्र में प्रभुत्व रखते हैं. पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने 3 सीटें कैराना, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत जीती थीं, जबकि एसपी-बीएसपी गठबंधन ने 5 सीटें जीती थीं. सपा ने मुरादाबाद और रामपुर में जीत हासिल की थी, जबकि बसपा को सहारनपुर, बिजनौर और नगीना में जीत मिली थी.