नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को भाजपा के 2024 लोकसभा चुनाव घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह 'झूठ का पुलिंदा' है और सत्तारूढ़ दल पर असफल वादों पर लक्ष्य बदलने का आरोप लगाया.
कांग्रेस घोषणापत्र समिति के सदस्य टीएस सिंह देव के अनुसार, जहां सबसे पुरानी पार्टी को जनता के हजारों सुझावों को शामिल करने के बाद अपने चुनावी घोषणापत्र को तैयार करने में तीन महीने लगे, वहीं भाजपा के घोषणापत्र को केवल 13 दिनों में तैयार किया गया और यह कॉपी-पेस्ट की तरह दिखता है.
सिंह देव ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमारा घोषणापत्र लोगों की दो सबसे बड़ी समस्याओं, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि, के समाधान के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है. बीजेपी का घोषणापत्र इन मुद्दों पर खामोश है.'
उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है जैसे उन्हें कहीं से एक सूची मिली हो और बस उसे कॉपी करके चिपका दिया गया हो. लोग सरकार से यह सुनने की उम्मीद करते हैं कि वह दो सबसे बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए क्या करने की योजना बना रही है. यह झूठ का पुलिंदा जैसा दिखता है.'
'पुराने वादों का क्या हुआ' :कांग्रेस के दिग्गज नेता ने आश्चर्य जताया कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा द्वारा किए गए वादों जैसे हर खाते में 15 लाख रुपये, प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना, 2020 तक गंगा नदी की सफाई, 2022 तक सभी गरीब लोगों के लिए घर, 100 नए स्मार्ट शहर और 2022 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का क्या हुआ.
टीएस सिंह देव ने कहा कि 'पूरा ध्यान अब इस बात पर केंद्रित है कि 2047 में क्या होगा, लेकिन 2014 के बाद से पूरे नहीं किए गए वादों का कोई जिक्र नहीं है. एक निर्वाचित सरकार आम तौर पर पिछले पांच वर्षों में अपनी उपलब्धियों को सूचीबद्ध करती है और चुनाव घोषणापत्र जारी करते समय अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती है. यह और कुछ नहीं बल्कि गोलपोस्ट की शिफ्टिंग है.'