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लोकसभा चुनाव 2024: 10 पॉइंट्स में समझें भाजपा-कांग्रेस-लेफ्ट के बड़े चुनावी वादे - BJP vs Congress Manifesto - BJP VS CONGRESS MANIFESTO

BJP vs Congress Manifesto: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए आशान्वित है. भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया है. कांग्रेस के नेतृत्व विपक्ष गठबंधन 'इंडिया' भी पूरी ताकत से साथ चुनाव लड़ रहा है और भाजपा के लिए चुनौती पेश कर रहा है. भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कई वादे किए हैं. आइए 10 बिंदुओं से समझते हैं दोनों दलों के प्रमुख वादे...

BJP vs Congress Manifesto
संकल्प पत्र Vs न्याय पत्र

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 15, 2024, 6:15 PM IST

Updated : Apr 15, 2024, 9:16 PM IST

हैदराबाद :लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं. भाजपा का 'संकल्प पत्र' की थीम 'मोदी की गारंटी' हैं. वहीं कांग्रेस का घोषणा पत्र 'न्याय गारंटी' पर आधारित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए आशान्वित भाजपा पिछले वर्षों की उपलब्धियों के साथ राष्ट्रवाद, ढांचागत विकास और विकसित भारत संकल्प के साथ चुनाव मैदान में पूरी तरह उतर चुकी है. सत्ताधारी भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है.

इसके उलट कांग्रेस ने अपने 'न्याय पत्र' में बड़े बदलाव के साथ सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता को प्रमुख मुद्दा बनाया है. कांग्रेस ने देशभर में सामाजिक-आर्थिक जनगणना और किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाने का वादा किया है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का घोषणा पत्र समाज में हाशिये पर पड़े और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सुधारों पर जोर देता है. आइए 10 पॉइंट्स से समझते हैं दोनों प्रमुख दलों के घोषणा पत्र में क्या अंतर है....

भाजपा संकल्प पत्र (फोटो- BJP एक्स अकाउंट)

1- 'मोदी की गारंटी' बनाम कांग्रेस की 'न्याय गांरटी'
भाजपा ने अपना संकल्प पत्र 'मोदी की गारंटी' शीर्षक से जारी किया है और लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 14 बड़े वादे किए हैं. भाजपा का संकल्प पत्र देश के विकास के चार स्तंभों - महिला, युवा, गरीब और किसान, के मुद्दों पर पार्टी की प्रतिबद्धता पर केंद्रित है. वहीं, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'न्याय पत्र' नाम दिया है. इसमें राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की छाप दिखती है. कांग्रेस ने पांच न्याय गारंटी- युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय पर फोकस किया है, इनके तहत पार्टी ने कुल 25 गारंटी देने का वादा किया है.

भाजपा संकल्प पत्र (फोटो- BJP एक्स अकाउंट)

2- युवा मतदाताओं पर फोकस
लोकसभा चुनाव में इस बार 18-19 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 1.8 करोड़ नए मतदाता पहली बार वोट करेंगे. इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने युवाओं के लिए कई वादे किए हैं.

भाजपा के प्रमुख वादे-

  • परीक्षाओं के पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाने और सरकारी विभागों में रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने का वादा.
  • भारत में स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा.
  • रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाया जाएगा.
  • उद्यमियों को स्टार्टअप या उद्यम शुरू करने में सहायता करने के लिए मुद्रा ऋण योजना जैसे क्रेडिट कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा.
  • मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक की जाएगी.

कांग्रेस के वादे-

  • युवा न्याय गारंटी के तहत देश में बेरोजगारी को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कदम उठाने का वादा.
  • 25 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या स्नातक पास युवा को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में एक वर्ष की ट्रेनिंग देने के लिए नया राइट टू अप्रेंटिस अधिनियम बनाया जाएगा.
  • केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 30 लाख खाली पदों को भरने का वादा.
  • कोविड महामारी के कारण 1 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2021 के दौरान परीक्षा देने में असमर्थ रहे आवेदकों को एक मौका मिलेगा.

3- वरिष्ठ नागरिकों के लिए वादे
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा की योजनाओं का वादा किया है. भाजपा ने घोषणा की है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कवर करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया जाएगा. भाजपा ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश भर में पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाजनक सुविधाएं सुनिश्चित करने का वादा किया है.

इसके विपरीत कांग्रेस दिव्यांगों के लिए विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 को सख्ती से लागू करने की बात कही है. कांग्रेस राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन में योगदान को बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेनों और सरकारी बसों में यात्रा शुक्ल में रियायतें बहाल करने का वादा किया है.

भाजपा संकल्प पत्र (फोटो- BJP एक्स अकाउंट)

4- किसानों से जुड़ी घोषणाएं

पिछली घोषणाओं की तरह इस बार भी दोनों प्रमुख दलों ने किसान वोट बैंक को साधने के लिए वादे किए हैं. भाजपा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और मजबूत करने की बात कही है, ताकि किसानों को तेज भुगतान और शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके. इसके अलावा समय-समय पर एमएसपी बढ़ाने का वादा शामिल है.

वहीं, कांग्रेस ने किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने का वादा किया है. साथ ही सत्ता में आने पर कांग्रेस कृषि वित्त पर एक स्थायी आयोग का गठन करेगी, जो कृषि ऋण की सीमा और ऋण माफी की आवश्यकता पर समय-समय पर रिपोर्ट देगा.

भाजपा संकल्प पत्र (फोटो- BJP एक्स अकाउंट)

5- महिला मतदाता

लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 96.8 करोड़ वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 47.1 करोड़ महिला मतदाता हैं. इस वजह से राजनीतिक दलों की जीत में इस बार महिला मतदाताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है. यही वजह है कि दोनों दलों ने महिलाओं को फोकस करते हुए लुभावने वादे किए हैं.

भाजपा के प्रमुख वादे-

  • तीन करोड़ ग्रामीण महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनने के लिए सशक्त बनाया जाएगा.
  • महिलाओं की स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए एनीमिया, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम और कमी पर केंद्रित मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा.
  • भाजपा सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के लिए केंद्रीय पहल शुरू करेगी.
  • संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण लागू किया जाएगा.

कांग्रेस की घोषणाएं-

  • महालक्ष्मी योजना शुरू करने का वादा, जिसके तहत प्रत्येक गरीब परिवार को बिना शर्त हर साल एक लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी.
  • 2025 से शुरू होने वाली केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का वादा.
  • कामकाजी महिला के लिए देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सावित्रीबाई फुले छात्रावास बनाने का वादा.

6- स्वास्थ्य का मुद्दा
कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बन गया है. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोरोना संकट से निपटने में मिली सफलता पर जिक्र किया है. वहीं, कांग्रेस ने राजस्थान की गहलोत सरकार के मॉडल की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा का वादा किया है.

भाजपा के प्रमुख वादे-

  • देश भर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए एम्स के नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा.
  • पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन ( PM-ABHIM) का विस्तार किया जाएगा.
  • देश भर में जन औषधि केंद्रों का विस्तार किया जाएगा.

कांग्रेस के प्रमुख वादे-

  • मुफ्त इलाज के लिए 25 लाख रुपये तक कैशलेस बीमा का राजस्थान मॉडल अपनाया जाएगा.
  • कांग्रेस ने अस्पतालों, क्लीनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, मोबाइल हेल्थकेयर इकाइयों, औषधि केंद्रों और स्वास्थ्य शिविरों जैसे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त इलाज का वादा.
  • 2028-29 तक स्वास्थ्य बजट कुल व्यय का चार प्रतिशत किया जाएगा.

7- अर्थव्यवस्था
भाजपा ने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का वादा किया है. जबकि कांग्रेस ने अगले दस वर्षों में भारत की जीडीपी को दोगुना करने का वादा किया है.

भाजपा के प्रमुख वादे-

  • भारत को तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की गारंटी
  • महंगाई कम करने का वादा.
  • नागरिकों के लिए रोजगार, स्व-रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता.
  • अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाले करदाताओं को सम्मानित किया जाएगा.
  • कांग्रेस के वादे-
    अगले 10 साल में जीडीपी दोगुनी करने का लक्ष्य.
  • गिग श्रमिकों और असंगठित श्रमिकों के अधिकारों को निर्दिष्ट और संरक्षित करने और उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाने का वादा.
  • मुक्त व्यापार और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य का समर्थन.
  • कर नीतियों को रोजगार और वेतन के साथ-साथ निवेश और मुनाफे की ओर फिर से उन्मुख करने का वादा.

8- शिक्षा पर फोकस
भाजपा ने फोकस्ड फंडिंग, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और समर्पित अनुसंधान अनुदान के जरिये मौजूदा संस्थानों को अपग्रेड करने का वादा किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल स्तर पर गतिशील शिक्षण पाठ्यक्रम के जरिये उच्च शिक्षा में उद्योग आधारित पाठ्यक्रम और कौशल विकास को शामिल करके युवाओं को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा.

वहीं, कांग्रेस ने सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा को अनिवार्य और मुफ्त बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन करने की बात कही है. कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकारों के परामर्श करके एनईपी में संशोधन किया जाएगा. स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एसटीईएम विषयों के अध्ययन पर जोर दिया जाएगा.

9- राष्ट्रीय सुरक्षा
भाजपा ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सैन्य थिएटर कमांड की स्थापना करने का वादा किया. भारत-चीन, भारत-पाकिस्तान और भारत-म्यांमार सीमाओं पर मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई जाएगी. विकास और कल्याण योजनाएं की वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी. किसी भी मौजूदा और उभरते खतरे का त्वरित जवाब देने में सहायता के लिए सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को अत्याधुनिक हथियारों, उपकरणों और प्रौद्योगिकी से लैस किया जाएगा.

वहीं, कांग्रेस ने सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना को खत्म करने का वादा किया है. इसके अलावा व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति बनाने और मौजूदा दो मोर्चों की चुनौती से निपटने के लिए नया ऑपरेशनल डायरेक्टिव लाने की बात कही है. पारदर्शिता और सैन्य सहमति सुनिश्चित करने के लिए सीडीएस की नियुक्ति की प्रक्रिया को संस्थागत बनाया जाएगा. साथ ही कांग्रेस ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को यूपीए सरकार के 26 फरवरी 2014 के आदेश के मुताबिक लागू करने का वादा किया है.

10- पर्यावरण संरक्षण

भाजपा ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत देश के सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने का वादा किया है. विशेष रूप से 2029 तक 60 शहरों में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया है. सभी प्रमुख नदियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता में चरणबद्ध तरीके से सुधार किया जाएगा.

वहीं, कांग्रेस ने वायु प्रदूषण की समस्या से तत्काल निपटने के लिए एनसीएपी को मजबूत करने का वादा किया है. इसके अलावा सत्ता में आने पर कांग्रेस पर्यावरण मानकों की स्थापना, निगरानी और कार्यान्वयन तथा राष्ट्रीय व राज्य जलवायु परिवर्तन योजनाओं को लागू करने के लिए स्वतंत्र पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण का गठन करेगी.

सीपीआईएम के प्रमुख वादे
लेफ्ट विचारधारा वाली पार्टी सीपीआईएम ने भी लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र में कई वादे हैं-

  • नागरिकता संसोशधन अधिनियम (सीएए), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जैसे कानूनों को रद्द करने का वादा.
  • सामान्य संपत्ति कर और विरासत कर पर नया कानून लाकर अमीरों पर अधिक कर लगाने का वादा.
  • मनरेगा के लिए बजट का आवंटन दोगुना करने का वादा.
  • शहरों में रोजगार की गारंटी के लिए नया कानून बनाने का वादा.
  • सरकारी कंपनियों के निजीकरण को खत्म किया जाएगा.
  • किसानों को फसल के लिए एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा.
  • राजनीतिक दलों को उद्योगों से चंदा लेने पर रोक लगाने की घोषणा.

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Last Updated : Apr 15, 2024, 9:16 PM IST

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