दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक में डीके सुरेश बनाम सीएन मंजूनाथ, मुकाबला दिलचस्प होगा, खड़गे करेंगे चुनाव प्रचार - Lok sabha election 2024

Kharge to campaign in Karnataka April 22: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे 22 अप्रैल को दो प्रमुख सीटों, बेंगलुरु ग्रामीण और चिकबल्लापुर में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांगेंगे. मौजूदा सांसद डीके सुरेश इस बार बेंगलुरु ग्रामीण सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला भाजपा-जद-एस गठबंधन के उम्मीदवार डॉ. सीएन मंजूनाथ से है. दोनों के बीच का मुकाबला बड़ा दिलचस्प होने जा रहा है...

Etv Bharat
Etv Bharat

By Amit Agnihotri

Published : Apr 20, 2024, 7:35 PM IST

नई दिल्ली:कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे 22 अप्रैल को बेंगलुरु ग्रामीण और चिक्कबल्लापुर सीटों पर प्रचार करेंगे. कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी सचिव अभिषेक दत्त ने ईटीवी भारत को बताया कि, 'कांग्रेस ने भाजपा को बाहर रखने के लिए 2018 में जद-एस के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी, लेकिन अब उन्होंने हमें धोखा दिया है'. अब जनता उन्हें सबक सिखाएगी. राज्य इकाई के प्रमुख और उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार के भाई, मौजूदा सांसद डीके सुरेश इस बार बेंगलुरु ग्रामीण सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद और भाजपा-जद-एस गठबंधन के उम्मीदवार डॉ. सीएन मंजूनाथ से है.अब यह एक हाई-प्रोफाइल मुकाबला बन गया है.

इस बार कर्नाटक में मुकाबला काफी दिलचस्प
पिछले 2019 के चुनावों में, डीके सुरेश कर्नाटक में कांग्रेस के अकेले सांसद थे. कांग्रेस ने 2019 का चुनाव जद-एस के साथ गठबंधन में 28 में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस पार्टी बीजेपी की लहर के खिलाफ केवल बेंगलुरु ग्रामीण सीट ही जीत पाई. उस दौरान बीजेपी को 25 सीटें प्राप्त हुईं. वहीं जनता दल सेक्यूलर (जद-एस) ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से उन्हें केवल 1 सीट पर जीत मिली. इस बार जनता दल सेक्यूलर ने बीजेपी से हाथ मिलाया है और वह तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. वहीं डीके बंधुओं के लिए बेंगलुरु सीट को बचाना प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. वह इसलिए क्योंकि उपमुख्यमंत्री ने खड़गे से 2023 में विधानसभा चुनावों में 224 में से 135 सीटें जीतकर हासिल किए गए ऐतिहासिक जनादेश के आधार पर 2024 में 20 सीटें देने का वादा किया है .बात चिक्काबल्लापुर की करें तो, जिसका प्रतिनिधित्व अतीत में अनुभवी वीरप्पा मोइली करते थे, कांग्रेस ने एक युवा चेहरे रक्षा रमैया को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला भाजपा के के सुधाकर से है.

क्या बोले वीरप्पा मोइली
वहीं दूसरी तरफ, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने ईटीवी भारत को बताया कि, कांग्रेस इस बार 2019 के रुझान को पलट देगी और 25 सीटों पर जीत हासिल करेगी. उन्होंने दावा किया कि, 'कांग्रेस का अभियान बहुत अच्छा चल रहा है, भाजपा चुनावों में ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है लेकिन मतदाता जागरूक हो गए हैं. मोइली ने आगे कहा कि, 'डीके सुरेश धरती पुत्र हैं और वह साल भर लोगों के बीच रहते हैं. वे चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रतिद्वंदी डॉ. सीएन मंजूनाथ एक अच्छे डॉक्टर हैं लेकिन उन्होंने चुनाव के रण में उतरकर गलती की है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, डीके सुरेश चुनाव जीतने जा रहे हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि, चिक्काबल्लापुर मे रक्षा रमैया जीत हासिल करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के वादों को पूरा न करने के कारण देश का लोकतंत्र थक चुका है.

'नौकरियां और महंगाई असल मुद्दे'
मोइली ने आगे कहा कि, पहली बार बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड वोटरों ने मतदान करने का विकल्प नहीं चुना. इतना ही नहीं नागालैंड में तो मतदाताओं का बड़ा वर्ग ने पहले चरण के मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया. लोकतंत्र की यह थकान देश के लिए खतरनाक है. जिसके लिए केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार है. उन्होंने देश के युवा निराश हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने दावा किया कि कर्नाटक सरकार द्वारा लागू किया जा रहा सामाजिक कल्याण एजेंडा और सबसे पुरानी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर जो वादा किया है, उससे फर्क पड़ेगा. मोइली ने आगे कहा कि, 'नौकरियां और महंगाई असल मुद्दे हैं. उन लोगों के लिए नहीं जो लोगों को धार्मिक या जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं.' बता दें कि, बेंगलुरू ग्रामीण सीट पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा.

ये भी पढ़ें:'INDI गठबंधन के पास वर्तमान में कोई लीडर नहीं' कर्नाटक में गरजे पीएम मोदी!

ABOUT THE AUTHOR

...view details