नई दिल्ली:चुनाव आयोग (ईसी) की ओर से शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इसके तुरंत बाद वामपंथी दलों ने आयोग से तटस्थ रहने और निष्पक्ष तरीके से काम करने की अपील की.
पूर्व सांसद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने ईटीवी भारत से कहा, 'हम पूरी चुनाव प्रक्रिया को सात चरणों में आयोजित करने के निर्णय का स्वागत करते हैं. इस घोषणा के साथ, आयोग के पास स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना एक बड़ा काम है.'
डी राजा ने कहा कि 'आयोग को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान माहौल सुनिश्चित करना चाहिए. हम देखेंगे कि चुनाव आयोग कैसा रुख अपनाता है.' राजा ने कहा 'आयोग धन और बाहुबल की बात करता है. हालांकि, उन्हें याद रखना चाहिए कि सत्तारूढ़ दल ऐसे कारकों का बड़े पैमाने पर उपयोग करता है.'
18वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (ईसीआई) राजीव सिंह ने कहा कि आयोग ने केंद्र, राज्य और जिला स्तर की चुनाव मशीनरी को पूरी तरह से निष्पक्ष, निडर, उद्देश्यपूर्ण और किसी भी प्रभाव से स्वतंत्र होने का निर्देश दिया है.
राजा ने कहा कि 'चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है. हालांकि, आदर्श आचार संहिता केवल विपक्षी दलों पर लागू नहीं होती है.'
इसी विचार को दोहराते हुए पूर्व सांसद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य हन्नान मोल्ला ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग की बड़ी भूमिका है.
मोल्ला ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान निष्पक्ष रहेगा.' चुनाव आयुक्त सिंह ने कहा कि आयोग पूरे देश में चुनाव की शुचिता बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुलभ, नैतिक और भागीदारीपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.