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MiG 21 की जगह ले रहे Tejas का पहला हादसा, बीकानेर के नाल में तैनाती की है तैयारी

Tejas Crashed in Jaisalmer, राजस्थान के जैसलमेर में भारतीय वायु सेना का हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. स्वदेशी तेजस की यह पहली दुर्घटना है, जिसे मिग-21 की जगह बीकानेर के नाल में तैनात करने की तैयारी है.

Army Light Combat Aircraft
Army Light Combat Aircraft

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 6:38 PM IST

जोधपुर.भारतीय वायु सेना में हाल ही में शालिम हुए स्वदेशी फाइटर प्लेन तेजस मंगलवार को जैसलमेर में क्रैश हो गया. सामान्यत रेगिस्तान में जब भी कोई प्लेन क्रैश होता है तो अंदाजा यह लगाया जाता है कि यह उड़ता ताबूत यानी मिग श्रेणी का विमान होगा, लेकिन मंगलवार को देश में तैयार हल्के लड़ाकू विमान तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने से वायु सेना और इसे बनाने वाली कंपनी एचएएल को भारी धक्का लगा है.

हालांकि, वायु सेना ने पूरे मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी करने के आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि तेजस का 23 साल में यह पहला हादसा है. 2001 से तेजस के अधिकारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल होने तक कई टेस्ट फ्लाइट एवं शोर्ट देश के दुर्गम इलाकेां में हो चुकी है, लेकिन कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ. भारत अभी तेजस मार्क-1 का निर्माण कर रहा है. इसे और उन्नत बनाने के लिए मार्क-2 के निर्माण के लिए अमेरिका से भी समझौता हुआ है.

पढ़ें :जैसलमेर में प्रशिक्षण उड़ान के दौरान तेजस क्रैश, पायलट सुरक्षित

पश्चिमी सीमा पर तैनात करने की तैयारी : भारतीय वायुसेना पश्चिमी सीमा पर तेजस की तैनाती करने जा रही है. इसकी शुरुआत संभवत: इसी माह बीकानेर के नाल से होगी. शुरुआत एक या दो फाइटर से होगी. यहां पर पहली स्क्वाड्रन आने के बाद पश्चिमी सीमा पर अगले दो-तीन साल में संख्या बढ़ेगी. वहीं, वेस्टर्न फ्रंट पर कश्मीर के एक फॉरवर्ड बेस पर तीसरी स्क्वाड्रन तैनात होगी.

देश में उड़ते ताबूत के नाम से मशहूर मिग-21 विमान जो रशियन वर्जन के हैं, उनको फेज आउट कर तेजस को लाने पर काम चल रहा है. तेजस की वर्तमान में दो स्क्वाड्रन तमिलनाडु स्थित भारतीय वायु सेना के स्टेशन सूलुर पर तैनात हैं. मिग श्रेणी के विमान पहले जोधपुर में तैनात थे, जिनकी बारी-बारी से विदाई हो चुकी है. जोधपुर स्टेशन पर अब फाइटर जेट सुखोई तैनात हैं, इसलिए तेजस की तैनाती के लिए बीकानेर के नाल को चुना गया है.

मिग-21 के 400 हादसे, 200 पायलट की मौतें : भारत में 1971 के बाद से मिग श्रेणी के लड़ाकू विमानों के अब तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो चुके हैं. ये रशियन ओरिजिन का है. पहले वन सिटर ही था. भारत में जनवरी 2021 से अब तक करीब 6 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिनमें 5 पायलट की जान चली गई. बाड़मेर की बात करें तो 2015 से 2022 तक 4 मिग-21 क्रैश हुए हैं, जिनमें से 2022 के अलवाव बाकी 3 बार पायलट सुरक्षित रहे हैं. गत वर्ष हनुमानगढ़ के पास एक विमान क्रैश हुआ था. जोधपुर शहर में एक सुखोई भी क्रैश हो चुका है.

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