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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्यों मची भगदड़, कहां थे रेलवे अफसर?, ये गलतियां बचा सकती थी 18 जिंदगियां - NEW DELHI RAILWAY STATION STAMPEDE

महाकुंभ के लिए भीड़ बढ़ जाने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ से 18 लोगों की मौत

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्यों मची भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्यों मची भगदड़ (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 16, 2025, 4:35 PM IST

Updated : Feb 16, 2025, 6:14 PM IST

नई दिल्लीः नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात ट्रेन यात्रियों के बीच भगदड़ मचने से 18 लोगों की जान चली गई. वहीं, करीब दो दर्जन लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. ये घटना रेलवे प्रशासन की तैयारियों व भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रही हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि जब पहले से कुंभ जाने वाले यात्रियों की ट्रेनों में भीड़ चल रही है और रेलवे की तरफ से स्पेशल ट्रेनें चलाने व अन्य इंतजाम करने का दावा किया जा रहा है, तब कहां ऐसी चूक हुई जो इतना बड़ा हादसा हो गया.

दरअसल, हादसे का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि जनरल टिकट पर सफर करने वाले यात्री हजारों की संख्या में थे. लेकिन इन यात्रियों के लिए समय पर अनारक्षित ट्रेनें नहीं चलाई गई, जिससे भीड़ बेकाबू हुई. अन्य कारणों को जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत की रिपोर्ट आखिर हादसा क्यों हुआ, कहां पर लापरवाही की गई...

प्रयागराज के लिए बिकी 8.5 हजार अनारक्षित टिकटःकुंभ में स्नान करने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में दिल्ली से लोग प्रयागराज जा रहे हैं. ऐसे यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे की तरफ से स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाती हैं. बड़ी संख्या में लोगों का शनिवार व रविवार को अवकाश होता है. ऐसे में शुक्रवार, शनिवार को बड़ी संख्या में लोग कुंभ स्नान के लिए निकलते हैं. नाम न छापने की शर्त पर रेलवे अधिकारी ने बताया कि शनिवार को कुंभ जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा थी, क्योंकि रविवार को अवकाश था. नई दिल्ली स्टेशन पर शनिवार को 8.5 हजार से अधिक लोगों ने जनरल टिकट लिया. इन यात्रियों को जनरल कोच में बैठकर सफर करना था.

यात्रियों की संख्या बढ़ने पर भी नहीं चलाई अनारक्षित ट्रेनें:शनिवार को करीब 8.5 हजार से अधिक यात्रियों ने जनरल टिकट खरीदा लेकिन उनके सफर करने के लिए पर्याप्त जनरल कोच नहीं थे. शनिवार को सिर्फ सुबह के समय ही प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. हादसे से पहले जनरल क्लास में अनारक्षित टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने के बाद भी रेलवे की तरफ से अनारक्षित ट्रेन नहीं चलाई गई. रेलवे अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रयागराज जाने के लिए अनारक्षित टिकट खरीदने वालों की संख्या बढ़ने पर ऑपरेशन डिपार्टमेंट से और अनारक्षित ट्रेनें चलाने की मांग की गई थी, लेकिन हादसे के पहले तक कुंभ के लिए स्पेशल अनारक्षित ट्रेनों का संचालन नहीं हो पाया था.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों ने अपनी जान गंवाईं. (ETV BHARAT)

ऐसे हुआ हादसाःनई दिल्ली स्टेशन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुंभ जाने वाले यात्री 13 और 14 नंबर प्लेटफार्म पर थे. 14 नंबर प्लेटफार्म पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन लगी थी. उसमें कुल जनरल के चार कोच थे और जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में थी. ऐसे में ट्रेन के आने पर अंदर जाने और सीट पर बैठने के लिए भगदड़ मच गई. भीड़ ज्यादा होने से ट्रेन में से लोग फंस गए. उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगी. कई यात्री घायल हो गए. भीड़ अनियंत्रित हो रही थी. भीड़ को प्लेटफार्म नंबर 14 से कम करने के लिए अनाउंसमेंट किया गया कि प्लेटफार्म नंबर 16 से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी. इसके बाद भीड़ प्लेटफार्म नंबर 16 की तरफ भागने लगीं. सीढ़ियों पर बैठे लोग भीड़ में कुचल गए. लोगों को उठने का मौका नहीं मिला. रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई. आनन-फानन में घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां 18 की मौत हो गई. करीब 25 लोगों का इलाज चल रहा है.

आखिर घटना के बाद चलाई 4 स्पेशल ट्रेनेंःनई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ होने के बाद रेलवे की ओर से कुंभ के लिए चार अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया, जिससे कुंभ जाने वाली भीड़ को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आगे निकाला जा सके, ताकि स्टेशन पर भीड़ कम हो. यदि यही ट्रेनें भीड़ एकत्र होने से पहले ही चलाई होती तो ये हादसा न होता और लोगों की जान बच जाती. ट्रेनों के समय पर संचालन न होने के पीछे ये भी कारण हो सकता है कि सूचनाओं के आदान प्रदान करने में देर हुई हो. हालांकि यह जांच का विषय है. दूसरी तरफ आरपीएफ को भी यह ध्यान देना था कि भीड़ बढ़ रही है तो उसका नियंत्रण करें. जरूरत पड़ने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के प्रवेश पर रोक लगाई जानी थी. हालांकि, ये सब काम तब हुए जब हादसा हो गया.

महाकुंभ के लिए भीड़ बढ़ जाने से प्लेटफॉर्म 13-14 पर दम घुटने से हुईं लोगों की मौत. (ETV BHARAT)

दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से नकदी मंगवाकर दी गई आर्थिक मददःरेलवे के हादसे में घायल व मृत व्यक्ति को एक्सग्रेसिया रिलीफ दी जाती है. इसके तहत मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए दिए जाते हैं. घायल को 2.5 लाख और मामूली रूप से घायल को 1 लाख रुपये दिए जाते हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसे के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रात में दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों से नकदी मंगवाई गई. इसके बाद सभी घायलों व मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद दी गई.

अभी भी परेशान हैं यात्रीःबड़ी संख्या में यात्रियों का भगदड़ में सामान झूट गया था. हादसे के बाद आनन-फानन में आरपीएफ ने सभी का सामान हटाकर जमा कर लिया है. रविवार को बहुत से लोग अपना सामान लेने के लिए पहुंचे, लेकिन व्यस्तता के कारण आरपीएफ ने उन्हें सामान लेने के लिए बाद में बुलाया. ऐसे में लोग परेशान दिखें. वहीं, कई लोग ऐसे भी पहुंचे, जिनके घर के सदस्य अभी लापता हैं. उन्होंने पुलिस और रेल प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कुलियों ने निभाई अहम भूमिका:नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में घायल लोगों को प्लेटफार्म से उठाकर रेलवे स्टेशन के बाहर ले जाने और अस्पताल पहुंचाने मेंकुलियों नेबहुत ही अहम भूमिका निभाई. बलराम मीणा ने बताया कि वह पिछले 7 साल से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली हैं. उन्होंने बताया कि जब शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची तो वह रेलवे स्टेशन के बाहर अजमेरी गेट की तरफ थे. पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में बताया तो हम सभी कुली तुरंत प्लेटफार्म पर पहुंचे और घायलों को उठाकर बाहर लाना शुरू किया, जिससे जल्द से जल्द घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा सके. हम लोगों के पास कोई स्ट्रेचर या अन्य सामान नहीं था. कई घायलों को आवश्यकता के अनुसार ठेले पर प्लेटफार्म से रेलवे स्टेशन के बाहर लाया गया.

बलराम मीणा ने बताया कि शनिवार रात 12 से 16 नंबर तक प्लेटफार्म पर भीड़ ही भीड़ थी. 14 नंबर प्लेटफार्म पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन लगी हुई थी. पब्लिक इतनी ज्यादा थी कि लोग शीशे तोड़कर एसी कोच में घुसने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान भगदड़ मची. राहत और बचाव कार्य में कई कुली को भी मामूली चोटें आ गईं. भगदड़ में रेलवे की लापरवाही नहीं लगती हैं. यात्री नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. स्पेशल ट्रेनें कुंभ के लिए चलाई गई हैं, लोग उसमें नहीं जाते हैं. नियमित चलने वाली ट्रेन में पहुंच जाते हैं, जबकि इन ट्रेनों में पहले से ज्यादा भीड़ होती है. कुलियों ने यह भी बताया कि उन्होंने इस तरह की घटना दिल्ली में कभी नहीं देखी. यह बहुत ही दुखद घटना है.

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Last Updated : Feb 16, 2025, 6:14 PM IST

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