रांचीः रविवार 18 अगस्त का दिन सियासी ऊहापोह चंपाई सोरेन के दर्द भरे सोशल मिडिया पोस्ट के साथ खत्म हुआ. इसके साथ ही कई और सवालों ने जन्म ले लिया. एक तरफ वे दिल्ली में किस विकल्प की तलाश में हैं. वे क्या लेकर और किस कलेवर में रांची लौटेंगे. दूसरी और झामुमो के अंदरखाने में दबी जुबान में ये चर्चा है कि पार्टी से नाराज चंपाई सोरेन को मनाने की कवायद शुरु हो गयी है.
आखिर दो से तीन दिन का राजनीतिक हलचल अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगता है कि शांत नजर आ रहा है. ऐसी चर्चा है कि चंपाई सोरेन शायद ही अपनी पार्टी को छोड़ दूसरे का दामन थाम सकते हैं. ऐसा भी माना जा रहा है कि जिन विधायकों के साथ वो विकल्प का दम भर रहे थे शायद उन लोगों ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं. ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि रांची लौटने के बाद शायद पार्टी उन्हें पुरजोर तरीके से मनाने की तैयारी में है. ऐसे में चंपाई सोरेन का आगे का रूख क्या होगा, क्या फिर से विकल्पों पर विचार होगा या फिर से उनकी वापसी हो जाएगी.
एक मंत्री ने दूसरे मंत्री को कह दिया विभीषण!
चंपाई सोरेन का दुख और उनके द्वारा विकल्पों की अभी चर्चा ही चल रही है. सब इसे अपने अपने नजरिए से देख ही रहे हैं. ऐसे में एक मंत्री का दूसरे मंत्री पर एक बड़ी बात कह देना खुद में कई बातें कह रही हैं. सत्ताधारी दल में शामिल कांग्रेस कोटे के एक मंत्री ने कुछ ऐसा ही कह दिया है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने चंपाई सोरेन को विभीषण की संज्ञा दी, ये बातें उन्होंने प्रेस रिलीज के माध्यम से कहीं. हालांकि बाद में जमशेदपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया को बुलाकर इस मामले पर सफाई पेश करते हुए सारा ठीकरा भाजपा पर फोड़ा और कहा कि ये बोलचाल की भाषा में रावण-विभीषण कही जाती है.
इन तमाम उहापोह के बीच चंपाई सोरेन मंगलवार को दिल्ली से रांची लौट रहे हैं. अभी भी उनके पार्टी छडने को लेकर संशय बरकरार है. चंपाई सोरेन दो दिनों से दिल्ली में हैं. झारखंड भवन में तीन कमरा चंपाई सोरेन के नाम पर बुक है. दूसरी ओर सुत्रों के हवाले से खबरे मिल रही है कि जेएमएम चंपाई सोरेन को मनाने में जुटा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ नेताओं को डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं बीजेपी लगातार चंपाई सोरेन के प्रति हमदर्दी दिखा रही है. अब सियासी ऊंट किस करवट लेगा, चंपाई सोरेन क्या कदम उठाएंगे. ये सब समय के पीछे छूपा है.
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