नई दिल्ली : विरासत टैक्स या फिर इनहेरिटेंस टैक्स, अचानक ही इस मुद्दे ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. चुनाव प्रचार के बीच पता नहीं चलता है, कब कौन-सा विषय मुद्दा बन जाए, और कौन-सा बयान किसी पार्टी के लिए मुसीबत बन जाए. फिलहाल, कांग्रेस के लिए विरासत टैक्स का मुद्दा अचानक ही गले की फांस बन गया है.
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर एक बयान दिया है. पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. जब भी राहुल गांधी किसी दूसरे देशों में अपना कोई कार्यक्रम रखते हैं, तो उनमें सबसे अहम भूमिका पित्रोदा की ही होती है.
पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका के शिकागो में विरासत टैक्स की व्याख्या की गई है. इसके अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति के पास 100 रुपये की संपत्ति है, तो उसके वारिस को मात्र 45 रुपये ही दिए जाएंगे. यानी 55 रुपये सरकार वसूल कर लेती है. सैम पित्रोदा ने इसी टैक्स व्यवस्था को लेकर अपनी राय जाहिर की थी.
पित्रोदा के अनुसार अमेरिका का यह कानून उन्हें काफी दिलचस्प लगता है. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपनी जिंदगी में संपत्ति बनाई है, उसका यह कर्तव्य है कि उसके निधन के बाद वह समाज को कुछ देकर जाए, इसलिए हमें यह कानून काफी अच्छा लगता है.
पित्रोदा ने कहा कि भारत की कानून व्यवस्था के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति के पास 10 अरब की संपत्ति है, तो उसके वारिस को पूरी राशि मिलती है, जबकि उस धन में से समाज को एक रुपया भी नहीं मिलता है.
क्या कहता है भारत का कानून -भारत मेंकिसी भी व्यक्ति की निजी संपत्ति उसके वारिस को ही मिलती है. भारत में विरासत कर अस्तित्व में नहीं है. इसे 1985 में समाप्त कर दिया गया था.
किन देशों में लगता है विरासत टैक्स
जापान - 55 फीसदी
द. कोरिया - 50 फीसदी
फ्रांस - 45 फीसदी
यूके - 40 फीसदी