नई दिल्ली:राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) भर्ती मामले में एक बड़ी जांच शुरू की है. एजेंसी को इनपुट मिले हैं कि जेल में बंद KTF सदस्य कमलजीत शर्मा पंजाब और उसके आसपास के इलाकों से युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती कर रहा है. गृह मंत्रालय के आतंकवाद और कट्टरपंथ विरोधी (CTCR) प्रभाग ने एनआईए को जानकारी दी है कि विभिन्न देशों में स्थित केटीएफ के पांच नेता पूरी भर्ती प्रक्रिया के साथ-साथ जबरन वसूली के पैसे भी जुटा रहे हैं. एनआईए को यह भी बताया गया है कि केटीएफ भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बंबीहा आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा है.
'ईटीवी भारत' के पास मौजूद सरकारी दस्तावेजों में कहा गया है कि यूएई में रहने वाले बलजीत सिंह उर्फ बलजीत मौर, ऑस्ट्रेलिया में गुरजंत सिंह, कनाडा में प्रिंस चौहान, यूएसए में अमन पुरेवाल और पाकिस्तान से बिलाल मनशेर जो केटीएफ के सक्रिय सदस्य हैं, उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी करने, जबरन वसूली के जरिए KTF की गतिविधियों के लिए धन जुटाने और पंजाब में आतंक पैदा करने के लिए लक्षित हत्याओं की साजिश रची है.
सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि, 'भारत और विदेशों में KTF के आतंकी गुर्गों के इस व्यापक नेटवर्क को बनाए रखने, प्रबंधित करने और संभालने के लिए आवश्यक आतंकी फंड का एक बड़ा हिस्सा पंजाब और पड़ोसी राज्यों में स्थित व्यापारियों से जबरन वसूली से आता है. इस तरह के फंड का एक बड़ा हिस्सा हथियार आपूर्तिकर्ताओं, तस्करों को हथियार और गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की खरीद के लिए भेजा जाता है. साथ ही पंजाब और पड़ोसी राज्यों में विभिन्न आतंकी कृत्यों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए भारत में स्थित उनके सक्रिय आतंकी गुर्गों को भेजा जाता है'.