बेंगलुरु: ट्रायल कोर्ट के बरी करने के आदेश को पलटते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक शराबी व्यक्ति को कड़ी सजा सुनाई है. दरअसल, अदालत ने अप्रैल 2015 में नशे की हालत में अपनी 60 वर्षीय मां गंगम्मा की हत्या के आरोप में कोडागु जिले के एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है. जस्टिस केएस मुदगल और टीजी शिवशंकर गौड़ा की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने संपाजे के एनबी अनिल को दोषी ठहराया है और उसपर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही दो साल की कैद जो वह पहले ही काट चुका था, उसको सजा का हिस्सा माना.
कोर्ट के आदेश के अनुरुप, सुधार अभ्यास के रूप में अनिल को संपाजे के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में हाउसकीपिंग, बागवानी आदि जैसी सामुदायिक सेवाएं प्रदान भी करनी होंगी. जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और सार्वजनिक शिक्षा विभाग को इस उद्देश्य के लिए समन्वय करने का निर्देश दिया गया है. अदालत ने कहा, अगर अनिल सामुदायिक सेवा करने में विफल रहता है, तो उसे अतिरिक्त 25,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और डिफ़ॉल्ट रूप से तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि 4 अप्रैल, 2015 को सुबह 11 बजे, जब गंगम्मा ने अपने मनमौजी बेटे को डांटा, तो उसने एक क्लब से हमला किया और लात मारी, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं. गंगम्मा को सुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया और उसे मंगलुरु के वेनलॉक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां 5 अप्रैल, 2015 को सुबह 4.45 बजे उसकी मृत्यु हो गई.