बेंगलुरु : शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि बैंकों की ओर से वसूली गई राशि उनके द्वारा लिये गये कर्ज से कहीं अधिक है. उन्होंने कहा कि बैंकों का उन पर 6,200 करोड़ रुपये का कर्ज है लेकिन इससे ‘‘कई गुना अधिक’’ वसूल किया जा चुका है.
उन्होंने उनसे, यूनाइटेड ब्रुवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल, जो अब परिसमापन में है) और अन्य देनदारों से वसूल की गई राशि का ब्योरा देने संबंधी खातों का विवरण मांगा है. उच्च न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी द्वारा तीन फरवरी को दायर याचिका के जवाब में बुधवार को बैंकों को नोटिस जारी किया.
न्यायमूर्ति आर देवदास ने बैंकों को 13 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया. माल्या का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने दलील दी कि किंगफिशर एयरलाइंस और उसकी होल्डिंग कंपनी यूबीएचएल के खिलाफ परिसमापन आदेश को उच्चतम न्यायालय समेत सभी न्यायिक स्तरों पर बरकरार रखा गया है.
उन्होंने दलील दी कि ऋण पहले ही वसूल लिया गया है, फिर भी माल्या के खिलाफ अतिरिक्त वसूली की कार्रवाई जारी है. पूवैया ने अदालत को बताया कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने मुख्य देनदार के रूप में किंगफिशर एयरलाइंस और गारंटीकर्ता के रूप में यूबीएचएल को 6,200 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘वह आदेश अंतिम रूप से लागू हो गया. हालांकि, 2017 से अब तक 6,200 करोड़ रुपये कई बार वसूल किए जा चुके हैं. एक स्वीकृत बयान के अनुसार, आज तक, वसूली अधिकारी ने पुष्टि की है कि 10,200 करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं. इसके अलावा, आधिकारिक परिसमापक ने कहा है कि बैंकों ने अपना बकाया वापस पा लिया है और यहां तक कि वित्त मंत्री ने संसद को सूचित किया था कि 14,000 करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं.’’