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अन्नामलाई की आलोचना करना BJP के दो नेताओं पर पड़ा भारी, पार्टी ने लिया सख्त एक्शन - K Annamalai Criticism - K ANNAMALAI CRITICISM

K Annamalai Criticism: तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई और तमिलिसाई सुंदरराजन की आलोचना करने पर बीजेपी ने अपने दो वरिष्ठ नेताओं पर सख्त कार्रवाई की है.

K Annamalai
अन्नामलाई (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 20, 2024, 2:37 PM IST

चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए दो नेताओं पर एक्शन लेते हुए उन्हें उनके पदों से हटा दिया है. दोनों नेताओं ने तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई और वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन की खुलेआम आलोचना की थी. पार्टी ने जिन नेताओं पर यह कार्रवाई की है, उनमें कल्याण रमन और त्रिची सूर्या शामिल हैं.

कल्याण रमन पहले तमिलनाडु बीजेपी की इंटेलेक्चुअल विंग का हिस्सा थे. जानकारी के मुताबिक पार्टी ने उन्हे सभी भूमिकाओं से हटा दिया गया है और एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसी तरह, ओबीसी विंग के पूर्व महासचिव त्रिची सूर्या को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है.

अन्नामलाई के नेतृत्व पर उठाए थे सवाल
बीजेपी ने कहा है कि इन नेताओं ने अपने कामों से पार्टी को बदनाम किया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कल्याण रमन ने अन्नामलाई के नेतृत्व और निर्णय लेने की आलोचना की थी और उनके अप्रोच पर भी सवाल उठाए थे. पार्टी ने रमन पर सोशल मीडिया पर राज्य नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं को बदनाम करने का आरोप लगाया.

वहीं, त्रिची सूर्या ने हाल ही में तमिलिसाई सुंदरराजन पर आलोचनात्मक टिप्पणी की, पार्टी ने अपने सदस्यों को इन दोनों नेताओं से न जुड़ने की चेतावनी दी है. कोर कमेटी की बैठक के बाद के अन्नामलाई ने मीडिया को संबोधित करते हुए स्वीकार किया कि कुछ पार्टी सदस्यों ने सोशल मीडिया और यूट्यूब पर अपने ही नेताओं की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.

तमिलनाडु में बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर
गौरतलब है कि अन्नामलाई के नेतृत्व में बीजेपी ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की कोई सीट नहीं जीती, लेकिन पार्टी दक्षिण राज्य में अपने वोट शेयर में वृद्धि करने में सफल रही. वहीं, डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सभी 39 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.

पार्टी नेताओं के बीच चर्चा थी कि अगर बीजेपी ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन किया होता, तो सत्तारूढ़ गठबंधन चुनावों में जीत हासिल नहीं कर पाता.

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