श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने भरण-पोषण (गुजारा भत्ता) रद्द करने मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 'पूरी तरह से गलत' आरोपों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता प्रोफेसर अब्दुल गनी भट पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
प्रोफेसर अब्दुल गनी भट (81) ने अपने बेटे का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए जम्मू-कश्मीर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 488 के तहत अपनी बहू द्वारा शुरू की गई भरण-पोषण कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे ने महिला (बहू) को तलाक दे दिया है, इसलिए भरण-पोषण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. साथ ही उन्होंने महिला पर कई गंभीर आरोप लगाए. इसके अतिरिक्त उन्होंने चौथे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौहर मजीद दलाल पर पक्षपात और कदाचार का आरोप लगाया.