श्रीनगर: कश्मीर में रियल एस्टेट डीलरों और मालिकों को जम्मू-कश्मीर रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (JKRERA) के साथ अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने का निर्देश देने के एक सप्ताह बाद, एजेंसी अब जम्मू जिले में सक्रिय हो गई है. इसके साथ ही उसने अवैध कॉलोनियों के विकास पर अंकुश लगाने का फैसला किया है.
जेकेआरईआरए के अध्यक्ष सतीश चंद्र ने कहा कि प्राधिकरण योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करने, घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने और अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए राजस्व विभाग के साथ जम्मू जिले में निरीक्षण शुरू करेगा. चंद्रा ने कहा, "डिफॉल्टरों को नोटिस जारी किए जाएंगे और रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 और इसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों का पालन करने में विफल रहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
पिछले हफ़्ते प्राधिकरण ने जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 20 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया और रियल एस्टेट डीलरों और मालिकों को प्राधिकरण की वेबसाइट पर पंजीकरण कराने का निर्देश दिया. बता दें कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अधिनियमन और कार्यान्वयन के बाद 2024 में प्राधिकरण की स्थापना की गई थी. अधिनियम से पहले, रियल एस्टेट क्षेत्र अनियमित था तथा राजस्व, नगरपालिका और सरकार के अन्य विभाग प्रचलित निर्माण और राजस्व कानूनों के तहत इसे विनियमित करते थे.
हालांकि, प्राधिकरण के अध्यक्ष चंद्रा हैं और दो अन्य सदस्य हैं. प्राधिकरण ने अन्य डेवलपर्स से राजस्व और नगर नियोजक प्राप्त किए हैं. साथ ही प्राधिकरण केंद्र शासित प्रदेश के शहरों और कस्बों में बनाई जा रही कॉलोनियों, अपार्टमेंटों और अन्य शॉपिंग मॉल के निर्माण पर नजर रखेगा. इस संबंध में चंद्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और ऐसा न करने वालों को जेल और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ेगा.
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